एयरक्राफ्ट इंजीनियर लक्ष्मीकांत की फैमिली ने नहीं छोड़ी है उम्मीद

चेन्नई से गायब हुए एयरक्राफ्ट में सवार थे लक्ष्मीकांत

ALLAHABAD: हम तो चाहते थे कि वह यहीं कोई सरकारी नौकरी कर ले। ताकि हमारी नजरों से कभी दूर न हो। लेकिन वह बहुत जिद्दी है। सेना में शामिल होकर देश सेवा का जब्बा बचपन से ही उसमे था। इसीलिए उसने एयरफोर्स ज्वाइन किया। हमें पूरा भरोसा है कि वह लौट कर आएगा। 21 जुलाई को चेन्नई से पोर्टब्लेयर के लिए रवाना होने के बाद गायब हुए एयरक्राफ्ट में सवार इंजीनियर लक्ष्मीकांत की फैमिली का यही कहना है।

बचपन से था सेना में जाने का जज्बा

शहर के राजरूपपुर मोहल्ले के रहने नरेन्द्र त्रिपाठी के दो बेटों में लक्ष्मीकांत त्रिपाठी बड़े बेटे हैं। पिता नरेंद्र बताते है कि लक्ष्मीकांत ने बचपन से ही मानो सेना में जाने की ठान रखी थी। सीएमपी से बीएससी की पढ़ाई के बाद सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसमें जुलाई 2011 को उन्हें सफलता मिली। उन्हें एयरफोर्स में लीडिंग एयर क्राफ्टसमैन के पद पर जाब मिल गई। हाल ही में विभागीय परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। दो अगस्त को बैंग्लुरू में पेपर था। लेकिन इसके पहले ही वह एयरक्राफ्ट के साथ लापता हो गए।

नहीं पहुंचा कोई हाल जानने

नरेंद्र ने खेद जताया कि एक सैनिक के परिवार के साथ इतना कुछ हो गया, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि हाल खबर लेने उनके घर तक नहीं आया। जनपद में दो सांसद हैं, लेकिन एक भी ने सुधि नहीं ली। हाल ही में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य शहर आए थे, लेकिन उन्होंने यहां तक आने की जहमत नहीं उठाई। जिला प्रशासन की तरफ से डीएम को भी मौका नहीं मिला कि वह हमारा दर्द बांटने आ सकें।

पड़ाई के साथ खेल में अव्वल

नरेन्द्र त्रिपाठी के दो बेटे में लक्ष्मीकांत शुरू से ही पड़ाई में अव्वल नम्बर पर थे। दिन रात वह पड़ाई पर ध्यान देते थे। रिश्तेदार कमला शंकर मिश्रा बताते हैं कि लक्ष्मीकांत बहुत सरल स्वभाव के हैं। उन्हें पढ़ाई के साथ खेल से भी तगड़ा लगाव है। क्रिकेट सबसे अधिक पंसद है। स्कूल और कालेज लेवल पर लक्ष्मीकांत ने बेहतर खेल का प्रदर्शन किया था।