- रोड एक्सीडेंट न हो तो कार के बंपर बांध देते हैं काला धागा

- बच्चों को नजर से बचाने के लिए लगाया जाता है काला टीका

Meerut : घोड़ा सदियों से इंसानों के ट्रांसपोर्ट के लिए एक अच्छा साधन रहा है। घोड़े को चलने के लिए उसके पैरों पर नाल लगाई जाती है, लेकिन क्या भला वो नाल और राक्षस जैसी शक्ल का मुखौटा बनाकर उसे घर पर टांगने से नजर लगने से व भूत-प्रेत के प्रकोप से बचा जा सकता है। ऐसा लोग क्यों करते हैं? ये सवाल पीके को परेशान कर रहा है। इसका जवाब ढूंढने के लिए आई नेक्स्ट के 'पीके' ने सिटी में कई दुकानों व घरों की खाक छानी।

प्लेस : सदर

सीन : पीके दोपहर क्ख् बजे सदर मार्केट स्थित एक शॉप में पहुंचा। शॉप के बाहर ही राक्षस जैसी शक्ल का मुखौटा चोटी के साथ व घोड़े की नाल टंगी हुई थी। पीके ने देखा फिर अंदर चला गया। दुकानदार ने पीके से पूछा कि भाई क्या चाहिए? तो पीके बोला कि ये दुकान के बाहर इतना गन्दा चेहरा क्यों लटकाया हुआ है? इसे देखकर तो ग्राहक वैसे भी डर जाएगा और दुकान में नहीं आएगा। दुकानदार बोला कि ये बुरे साए व बुरी नजरों से बचाता है। पीके इससे पहले कुछ बोलता उसे दुकान से बाहर कर दिया गया।

पीके का सवाल : गन्दे से मुखौटे से भला नजर से कैसे बचा जा सकता है। उससे भी बड़ा सवाल ये है कि बुरी नजर होती क्या है? आंखे तो आंखे होती हैं। आंखों से देखा जाता है। बुरी नजर कैसी होती है।

प्लेस : थापर नगर

सीन: पीके टहलता हुआ थापर नगर पहुंचा। उसने एक शानदार घर देखा। लेकिन पीके का मूड़ फिर खराब हो गया। वही गन्दा सा मुखौटा टंगा हुआ था। पीके ने घर के नीचे बैठे गार्ड से पूछा कि भाई इतनी सुन्दर दुकान और उस पर ये गन्दा सा मुखौटा किस लिए लगाया है तो दुकानदार बोला कि ये मुखौटा घर के ऊपर इसलिए लगाया हुआ है कि ताकि किसी की गन्दी नजर न लगे।

पीके का सवाल: घर के ऊपर गन्दा सा मुखौटा लगाने की क्या जरुरत है। घर को किसी की क्या नजर लगेगी। भला ईट पत्थर को कैसे नजर लग सकती है।

प्लेस : कचहरी

सीन: पीके कचहरी की ओर आया। कचहरी की पार्किंग में कई गाडि़या खड़ी हुई थी। उसने गाडि़यों के बंपर पर एक बात नोटिस की। उसने देखा कि सभी गाडि़यों के नीचे काले धागे का बट बनाकर लटकाया हुआ है। सभी की एक जैसी ही स्थिति है। तभी एक आदमी गाड़ी का गेट खोलकर अंदर बैठने लगा तो पीके ने उस आदमी से पूछा कि आखिर आपने ये काला धागा क्यों बांधा है? तो उस आदमी ने कहा कि गाड़ी का एक्सीडेंट न हो। पीके ने कहा कि क्यों आपको ड्राइविंग नहीं आती? तो आदमी ने कहा आती है। मेरा टाइम वेस्ट न करो।

पीके का सवाल : क्या गाड़ी के आगे काला धागा बांधने गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं होगा? फिर क्यों हर रोज शहर की सड़कें खून लाल रहती हैं? आखिर क्यों सिर्फ उन्हीं लोगों का एक्सीडेंट होता जिन्होंने बेतहाशा शराब पी हुई होती है?

प्लेस : कचहरी

सीन : शाम करीब ब् बजे पीके सेंट्रल मार्केट पहुंचा। एक महिला की गोद में बच्चे को देखकर पीके फिर ठिठक गया। उसने देखा कि बच्चे के माथे के दाई ओर काला टीका लगा हुआ था। बच्चा माथे पर बार-बार हाथ रगड़कर अपने माथे को पूरा काला कर रहा था। उसने महिला से पूछा कि बच्चे के माथे को काला क्यों किया हुआ? महिला चौकी। नहीं ये नजर का काला टीका है। दूसरों की खराब नजरों से बचाता है। बुरी बलाए इस टीके से दूर भागती है।

पीके का सवाल : आखिर बच्चे की नाजुक स्किन पर इस तरह का कैमिकल युक्त टीका लगाना कहां तक सही है? इससे बच्चे की सेंसीटिव स्किन खराब नहीं होगी? आखिर समझदार और पढ़े लिखे लोग इस बारे में क्यों नहीं सोचते हैं?

बड़े बूढ़े कहते हैं तो इसलिए दुकान के बाहर लगा दिया। लेकिन इस मुखौटे से कुछ फर्क पड़ेगा मुझे नहीं लगता। जो होना होगा वो होकर ही रहेगा।

- अशोक बंसल, व्यापारी

ये टोटके बुरी नजर व बुरी ताकतों से बचाते हैं। ये छोटे-छोटे प्रयोग बड़ी से बड़ी समस्याओं को हल करने में काफी सक्षम होते हैं।

- हेमंत गुप्ता, व्यापारी

मेरे पास रोजाना कई लोग आते हैं जो घोड़े की नाल की डिमांड करते हैं। वो इसलिए मांगते हैं ताकि वो अपने घर और दुकान के बाहर लगा सके।

- पुष्कर, घोड़ा पालक

काला टीका और काला धागा लोगों को बुरी बलाओं से दूर रखते हैं। इससे भूत प्रेत दूर रहते हैं। सब मानने की बात है।

- रश्मि सिंह, हाउस वाइफ

जब घर में गाड़ी लेकर आया था तो पापा ने तुरंत कहा कि इसमें काला धागा बांधों। तब से बांधा हुआ। कभी-कभी बड़ों की बात माननी पड़ती है।