मीडिया सहवाग पर इस कदर कैमरे गड़ाए है कि फील्डिंग कोच ट्रेवर पैनी और कोच डंकन फ्लेचर के साथ गौतम गंभीर के प्रैक्टिस को किसी ने देखा ही नहीं. सहवाग कंधे की चोट से उबरकर टीम में लौटे हैं. वहीं गंभीर पहले टेस्ट में लगी चोट के बाद वापसी कर रहे हैं. सहवाग-गंभीर टीम इंडिया को यदि अपने अंदाज में ओपनिंग दिलाने में सफल रहते हैं तो यह बात इंग्लिश टीम के होश उड़ा सकती है. रेगुलर ओपनिंग जोड़ी मिल जाने से इंडियन टीम की ताकत लौट आएगी. साथ ही टीम का बैटिंग ऑर्डर भी व्यवस्थित हो जाएगा.

जहीर की भी उम्मीद

पेसर जहीर खान ने इंडोर नेट प्रैक्टिस नहीं की, लेकिन वह तेजी से ठीक हो रहे हैं. पिछले तीन दिन से उन्होंने बॉलिंग शुरू कर दी है. प्रैक्टिस मैच में सहवाग, गंभीर के अलावा जहीर की वापसी पर इंडियन टीम की उम्मीदें टिकी होंगी. भारत 10 अगस्त से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट से पहले तीनों को प्रैक्टिस मैच में उतारना चाहेगा ताकि उन्हें रिद्म में आने का मौका मिल सके.

बैटिंग पर जोर

भारत की चिंता अपनी बैटिंग को दुरुस्त करने पर है. कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी के लिए भी यह मैच अहम है, जो बैटिंग और विकेटकीपिंग दोनों में नाकाम रहे हैं. वहीं सुरेश रैना को भी अपने क्रिटिक्स को गलत साबित करना होगा कि वह इंग्लैंड के पेस बॉलर्स का सामना नहीं कर पा रहे हैं. धोनी और रैना नेट पर जल्दी पहुंचे.  उनके साथ सहवाग और गंभीर भी थे. एक घंटे के भीतर सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण भी इंडोर नेट पर पहुंच गए थे. सभी ने जमकर प्रैक्टिस की. अभ्यास किया.

वास भी लेंगे परीक्षा

काउंटी टीम नार्थम्पटनशर में श्रीलंका के चमिंडा वास भी हैं, जो इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. दाहिने हाथ के पेसर जैक ब्रूक्स भी उम्दा बॉलर हैं. होस्ट टीम भी भारत को कोई मौका नहीं देना चाहेगी. उसका इरादा भारत पर बने प्रेशर को बरकरार रखते हुए इंग्लैंड को तीसरे मैच से पहले भी मनोवैज्ञानिक बढ़त देना है.

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