महिला के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर ससुरालवालों को कर दिया था नामजद

सात महीने बाद दिल्ली में फेसबुक फ्रेंड के साथ पकड़ी गई तो हुआ खुलासा

ALLAHABAD: सुप्रीम कोर्ट ने शायद ऐसे ही मामलों को नोटिस लेकर दहेज उत्पीड़न के मामलों में सीधी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। बेटी फेसबुक फ्रेंड के साथ आराम से गुजर-बसर कर रही थी और ससुरालवाले पुलिस का चक्कर लगा रहे थे क्योंकि मायकेवालों ने दहेज के लिए हत्या करके लाश गायब कर देने की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। करीब सात महीने बाद लड़की को बरामद करने के बाद पुलिस ने यह खुलासा किया तो ससुरालवालों ने राहत की सांस ली और मायकेवालों की बोलती बंद हो गई।

शादी के 13 दिन बाद हुई गायब

झूंसी के आवास विकास कालोनी में रहने वाले रामचन्द्र पाण्डेय के चार बच्चों में तीसरे नम्बर की बेटी अनुपमा पाण्डेय की शादी अमरजीत पुत्र अक्षयवर नाथ पाण्डेय के साथ पिछले साल हुई थी। सीओ पंचम आदेश कुमार त्यागी के अनुसार इस साल 23 जनवरी को लड़की की विदाई तय थी। भोपाल में नौकरी करने वाला पति खुद उसे लेने आने वाला था। अक्षयवर नाथ पाण्डेय अपनी बहू की विदाई के लिए रामचन्द्र पाण्डेय के घर पहुंचे थे। इसी के बाद से उनके परिवार का सुकून हराम हो गया। 6 फरवरी को रामचन्द्र पाण्डेय ने झूंसी थाने में बेटी के ससुर अक्षयवर नाथ पाण्डेय, पति अमरजीत पाण्डेय समेत सास, ननद और देवर के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। आरोप लगाया कि बेटी अनुपमा को विदाई कराकर ले गया रास्ते में बेटे के साथ मिलकर उन्होंने अनुपमा की हत्या करके लाश गायब कर दिया। दहेज हत्या का मामला होने के चलते झूंसी थाने में रिपोर्ट दर्ज हो गई। मामले की जांच सीओ पंचम को सौंपी गई। उन्होंने असलियत का पता लगाने के लिए टीम का गठन किया था।

हिमाचल का रहने वाला था लड़का

सीओ के अनुसार उन्हें शुरू से ही कहानी में लोचा नजर आ रहा था। नामजद लोगों की गिरफ्तारी के लिए सीएम आवास से लेकर महिला आयोग तक से प्रेशर आया। लेकिन, उन्होंने तय किया कि जब तक लाश का पता नहीं चलता किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि अनुपमा का सिम बंद आ रहा था। इसके बाद उसके मोबाइल को सर्विलांस पर डाला गया। इससे एक चौकाने वाली जानकारी मिली कि नंबर दूसरा इस्तेमाल हो रहा है लेकिन मोबाइल दिल्ली में एक्टिव है। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद से टीम भेजी। दिल्ली में अनुपमा अपने फेसबुक फ्रेंड के साथ मिल गई। इस घटना के बाद दोनों ने अपने नंबर बदल दिए थे। गुरुवार की सुबह इलाहाबाद लाए गए दोनोंने पूछताछ में बताया कि अनुपमा की अश्वनी से करीब दो सालों से फोन पर लम्बी बात होती थी। इससे मोहल्ले के लोग भी परिचित थे। इसके बाद भी घरवालों ने उसकी मर्जी के खिलाफ जाकर शादी कर दी। अनुपमा ने बताया कि वह ससुराल नहीं जाना चाहती थी। इसी के चलते विदाई से एक दिन पहले अश्वनी को कॉल किया और इलाहाबाद बुलाया। रात में यहां से दोनो कार से लखनऊ पहुंचे और वहां से बस से हिमांचल। अश्वनी ने उसे अपने घर की बजाय किराए के मकान में रखा। तीन महीने बाद दोनो वहां से दिल्ली आ गए।

लड़की बरामद होने से स्पष्ट हो गया है कि मर्डर करके लाश गायब कर देने की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। लड़की का मेडिकल और इकबालिया बयान कराया जाएगा। लड़की चूंकि बालिग है इसलिए जहां जाना चाहेगी उसे सौंप दिया जाएगा।

-आदेश कुमार त्यागी

सीओ पंचम/ट्रेनी आईपीएस