एक साथी जिंदा पकड़ा गया
इस घटना पर खैबर एजेंसी के पॉलिटिकल एजेंट साहब अली शाह ने बताया कि, सुरक्षाबलों ने गुरुवार को एक अभियान में जमरद के गुंदी इलाके में सद्दाम को मार गिराया है. हालांकि सुरक्षाबलों ने उसके एक साथी को जिंदा पकड़ लिया है. बताते चलें कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के तारिक गेदार गुट के सदस्य सद्दाम ने 16 दिसंबर को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में हमले में 7 हमलावरों की मदद की थी. इस हमले में 150 लोग मारे गये थे, जिनमें 132 बच्चे शामिल थे. इसके अलावा सद्दाम पिछले साल खैबर पख्तुनखवा में 11 सुरक्षाकर्मियों और 8 स्काउट की हत्या की साजिश में भी शामिल था.

जेल पर हमला करने की थी साजिश
सूत्रों की मानें तो, ये आतंकी कोट लखपत जेल पर हमला करने और आतंकियों को छ़ड़वाने की योजना बना रहे थे. गौरतलब है कि कोट लखपत जेल में सैन्य अदालतों द्वारा मौत की सजा पाये 5 खूंखार आतंकियों समेत कम से कम 50 आतंकी बंद हैं. इन आतंकियों को यह सजा झेलम जिले में चेनाब नदी के पास एक सैन्य शिविर और पंजाब के मुल्तान में ISI के दफ्तर पर हमले में संलिप्तता के लिये सुनाई गई थी.

मौत की सजा से रोक हटी
इन आतंकियों को तब छुड़ाने की कोशिश की गई, जब लाहौर हाई कोर्ट ने कल इनकी मौत की सजाओं पर लगी रोक को हटा दिया था. कोट लखपत जेल के अधीक्षक असद वरियाक ने कहा, दरअसल उनकी मौत के वारंट जारी हो चुके हैं, अब ऐसे में उन्हें किसी भी वक्त मौत की सजा दी जा सकती है. आपको बताते चलें कि पीएम नवाज शरीफ ने पेशावर हमले के बाद मौत की सजाओं पर 6 साल से लगे प्रतिबंध को हटा दिया था. जिसके चलते पेशावर हमले के बाद अब तक 6 आतंकियों को फांसी दी जा चुकी है.

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