-यात्री सुविधाओं के लिए सिविल लाइंस डिपो का किया गया था विकास

-कुंभ मेला खत्म होने के बाद पंद्रह दिन तक भी न कायम रह सकीं सुविधाएं

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PRAYAGRAJ: दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ को चरितार्थ करने के लिए शासन ने सिविल लाइंस डिपो को सुविधाओं से युक्त किया था. मेला खत्म होने के पंद्रह दिनों के भीतर ही डिपो परिसर में किए गए विकास कार्यो और सौंदर्यीकरण का ताना-बाना उजड़ गया है. मंगलवार को इसकी पड़ताल की गई तो मूलभूत सुविधाओं का तामझाम खूब दिखाई दिया. लेकिन विभागीय लापरवाही का आलम ऐसा था कि डिपो परिसर में कुंभ मेला के नाम पर कराए गए स्थाई कार्यो पर ताला जड़ा हुआ मिला.

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यात्री वेटिंग रूम में गाडि़यों की लाइन

डिपो के पिछले हिस्से में कानपुर व आगरा की ओर जाने वाली बसों के यात्रियों की सुविधा के लिए टीन शेड का वेटिंग रूम बनाया गया था. रूम में यात्री तो इक्का-दुक्का ही दिखे, लेकिन एक दर्जन से अधिक दुपहिया वाहन लाइन से खड़े किए गए थे. इतना ही नहीं वहां सुखाने के लिए कपड़ा भी टांगा गया था. मुख्य परिसर के अंदर बिना रोकटोक चार पहिया वाहन, ई-रिक्शा व ऑटो धड़ल्ले से घुसे हुए थे. उन्हें रोकने के लिए परिसर में एक भी कर्मचारी नहीं दिखाई दिया. जबकि डिपो प्रशासन ने कुंभ मेला शुरू होने से पहले दावा किया था कि परिसर में एक भी अनाधिकृत वाहन नहीं खड़ा किया जाएगा.

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एलसीडी स्क्रीन की बत्ती गुल

डिपो परिसर में कुंभ मेला शुरू होने से पहले बसों की टाइमिंग व रूट शो करने के लिए आधा दर्जन एलसीडी स्क्रीन लगाई गई थी. सभी स्क्रीन की बत्ती गुल दिखाई दी. दोपहर एक से लेकर दो तक सभी स्क्रीन की यही स्थिति बनी रही. इससे वहां मौजूद यात्रियों को काफी निराशा हुई. कई यात्री पूछताछ काउंटर पर गए . वहां पर संबंधित बस की टाइमिंग न बताकर माइक से यह एलाउंस किया जा रहा था कि आप अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें.

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सुविधाओं पर जड़ा ताला

परिसर में घुसते ही लेफ्ट साइड एसी पब्लिक टॉयलेट बनवाया गया था. यहां फिलहाल ताला जड़ा हुआ मिला. कर्मचारियों की मानें तो पांच मार्च को महाशिवरात्रि स्नान पर्व के बाद इसे बंद कर दिया गया है. इसी तरह डिपो के पिछले हिस्से में स्टाफ के लिए दस बेड का रैन बसेरा बनवाया गया था. रैन बसेरा की खिड़कियां तो खुली हुई थीं लेकिन दरवाजे पर ताला लगा हुआ था. इसी से सटे वॉटर कूलर में भी ताला जड़ा हुआ था.

वर्जन

डिपो परिसर में बाहरी वाहनों को खड़ा करने की परंपरा बहुत पुरानी हो गई है. इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है. जिन सुविधाओं पर ताला लगा हुआ है हो सकता है कि वहां के कर्मचारी किसी कार्य से बाहर गए हो. स्क्रीन बंद होने पर अभी कुछ नहीं कह सकता हूं क्योंकि एआरएम तीन सप्ताह की छुट्टी पर गए हुए है.

-एके पाल, कार्यवाहक एआरएम सिविल लाइंस डिपो