- परिषदीय विद्यालयों में स्थापित की जानी थी लाइब्रेरी

- स्कूल्स ने बजट मिलने के बाद भी नहीं खरीदी हैं किताबें

GORAKHPUR: बेसिक स्कूलों के लिए आई लाइब्रेरी की योजना अधर में लटकता नजर आ रही है। इस योजना के तहत जिलेभर के कुल 100 स्कूलों का चयन किया गया था। अप्रैल के अंत तक सभी जगहों पर लाइब्रेरी को स्थापित करने का लक्ष्य था। यहीं नहीं लाइब्रेरी में रखी जाने वाली किताबें भी एनसीईआरटी की तरफ से प्रस्तावित की गई थीं। लेकिन हाल ये कि इस योजना के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बजट मिलने के बाद भी स्कूल्स ने खरीदारी नहीं की है।

बजट जारी पर नहीं हुई खरीदारी

प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए लाइब्रेरी बनाने की योजना लाई गई थी। जिसके तहत पाठ्यक्रम की किताबों के अलावा उन्हें देश-विदेश और साहित्य की किताबों के साथ प्रतियोगिता स्तर की किताबें भी पढ़ने को मिलतीं। इन लाइब्रेरी में कविताएं कहानियों की ऐसी पुस्तकें भी उपलब्ध रहतीं जो छात्रों की सोच के दायरे को विस्तृत करतीं। इसके लिए शासन की तरफ से जनपद के 100 विद्यालय चयनित हुए थे। विद्यालयों में पैसा हस्तांतरित किया जा चुका है। जिसके तहत लाइब्रेरी में किताबें खरीदने के लिए छह हजार रुपए व आलमारी केलिए आठ हजार रुपए दिए गए हैं। लेकिन किसी भी स्कूल ने अभी तक इसकी खरीदारी नहीं की है। इस मामले में बीएसए ने संबंधित विद्यालयों के जिम्मेदारों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

वर्जन

परिषदीय व कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में लाइब्रेरी स्थापित करने का मकसद बच्चों में पढ़ने की इच्छा को जागृत करना है। स्कूल्स के जिम्मेदारों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है कि अबतक किताबों की खरीदारी क्यों नहीं की गई।

- एसके चौवे, जिला प्रशिक्षण समन्वयक