- जस्ट डायल पर फर्जी कंपनी बनाकर देश भर में कर रहे थे ठगी

- ग्राहकों के शक करने पर फोन कर देते थे स्विच ऑफ, बदल देते थे सिम

- एसटीएफ ने लखनऊ में पकड़ा रैकेट, ठगों में एक पूर्व चेन स्नेचर शामिल

लखनऊ के कुछ लोग भी शामिल
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LUCKNOW : एसटीएफ ने जस्ट डायल पर अपने आप को ट्रांसपोर्ट एजेंसी के रूप में रजिस्टर्ड कर देश के विभिन्न राज्यों से जस्ट डायल एप पर आने वाले ग्राहकों को ठगने वाले पांच जालसाजों को राजधानी से गिरफ्तार कर लिया। इनमें से चार लखनऊ जबकि एक फर्रुखाबाद का रहने वाला है। जालसाजों में एक आदेश सिंह चेन स्नैचिंग के आरोप में जेल भी जा चुका है। जेल से बाहर आने पर उसने अपने साथियों के साथ गैंग बनाकर यह धोखाधड़ी अंजाम देना शुरू कर दिया। वे पिछले दो साल से यह जालसाजी अंजाम दे रहे थे और अब तक 200 लोगों को ठग चुके थे जिनमें लखनऊ के कुछ लोग भी शामिल हैं।

फर्जी कागजों पर सिम, बैंक खाता
एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक उन्हें पिछले कई दिनों से इस तरह का गैंग ऑपरेट होने की सूचना मिल रही थी। उन्होंने डिप्टी एसपी आईपी सिंह को इसका भंडाफोड़ करने का जिम्मा सौंपा जिसके बाद टीम को सूचना मिली कि गैंग के कुछ सदस्य थाना गुडंबा इलाके में अल्कापुरी कॉलोनी के एक फ्लैट में मौजूद है। एसटीएफ ने वहां पर छापा मारा तो पांच युवक मौजूद मिले, साथ ही वहां पर बड़ी तादाद में ट्रांसपोर्ट कंपनी से जुडे़ फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गये। पूछताछ पर उन्होंने बताया कि अनुज कुमार सिंह, इनका गैंग लीडर है। उसने ही जस्ट डायल पर हिंदुस्तान ट्रांसपोर्ट एजेंसी के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया था। वे माल-भाड़े के लिए देश के विभिन्न प्रांताें से आने वाले ग्राहकाें से फर्जी नाम पते से प्राप्त सिम द्वारा संपर्क कर खुद को ट्रांसपोर्ट एजेंसी के रूप में प्रस्तुत करते थे तथा बाजार भाव से कम धनराशि पर डील तय हो जाने के बाद बतौर एडवांस 10 से 20 हजार फर्जी नाम पते से खोले गये बैंक एकाउंट में जमा करवा लेते थे। पैसा मिलने पर उनके द्वारा ग्राहक से बाकी रकम भेजने का दबाव डाला जाता था। यदि किसी ग्राहक को संदेह होता था तो वह अपना नंबर बंद कर देते थे और फिर फर्जी पते पर नया सिम लेकर दूसरे ग्राहकों को फंसाते थे। इतना ही नहीं, अगर किसी ग्राहक को वह फंसाने में असफल हो जाते थे तो उसका नंबर दूसरे गैंग को फारवर्ड कर देते थे.

इनकाे लगाई चपत

- 01 एक लाख रुपये अप्रैल में आंध्र प्रदेश के एक व्यापारी से

- 20 हजार रुपये गाजियाबाद निवासी अमित चौधरी से

- 15 हजार रुपये हैदराबाद निवासी वेंकटेश्वर से

- 35 हजार रुपये रायपुर की कार्बोन्स प्रा। लि।

- 20 हजार रुपये कर्नाटक निवासी अल्वा सेल्वम से

- 12 हजार रुपये हैदराबाद निवासी मो। नासिर से

- 10 हजार रुपये भिवाड़ी गुजरात फ्लाइट कैरियर से

- 10 हजार रुपये लखनऊ निवासी विक्की श्रीवास्तव से

- 20 हजार रुपये लखनऊ निवासी योगेन्द्र कुमार से

इन्हें किया गया गिरफ्तार
मडि़यांव निवासी अनुज सिंह, आदेश सिंह, जानकीपुरम निवासी मनोज कुमार सिंह, अंकुर सिंह व फर्रुखाबाद निवासी शिवम सिंह।

बरामदगी
जाली चालान बुक, बिल्टी बुक, पांच रजिस्टर, 17 मोबाईल, 19 सिम कार्ड (फर्जी नाम, पते पर), छह विभिन्न बैंको के एटीएम/डेबिट कार्ड, एक हिन्दुस्तान रोड लाइन्स रबर स्टैंप।

जस्ट डायल का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने वाले इस गैंग के बारे में कई शिकायतें मिली थी जिसके बाद एसटीएफ ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इनसे जुड़े बाकी गैंग और उनके सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
अभिषेक सिंह, एसएसपी, एसटीएफ