वर्ष 2012 और 17 में आ चुकी है एमएचआरडी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

दोनों ने बनाई लंबी चौड़ी रिपोर्ट, दोनों रिपोर्ट पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

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ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हास्टल वॉशआउट के मसले पर हुए बवाल के बाद यह सवाल प्रमुखता से उठा है कि क्या इस बार भी एमएचआरडी पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लेगी। वर्ष 2012 और 2017 में अराजकता का संज्ञान एमएचआरडी ने लिया था और जांच के लिए उच्च स्तरीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भेजी थी। अलग बात है कि दोनों बार कमेटी की रिपोर्ट और सुझाव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

तब भी मिनिस्टर थे प्रकाश जावड़ेकर

28 अप्रैल 2017 को हुए बवाल के बाद एमएचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी इविवि पहुंची थी। कमेटी में यूजीसी के सचिव प्रो। जसपाल एस सन्धु, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो। एसपी सिंह एवं एमएचआरडी के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रवीण कुमार शामिल रहे। कमेटी ने शिक्षकों एवं छात्रों से मुलाकात कर जानकारी ली थी। कमेटी के सदस्यों का इंट्रेस्ट यह जानने में ज्यादा रहा कि वह कौन सी बात थी, जिससे हास्टल को लेकर इतना बड़ा बवाल हो गया?

बताया था प्वाइंटवाइज प्लान

तब छात्रों ने जांच दल को बताया था कि ऐसा ही बवाल हास्टल वॉशआउट के मसले पर 26 अप्रैल 2012 को भी हुआ था। उस समय वीसी प्रो। एके सिंह थे। दोनो ही बार छात्रों ने पूरे घटनाक्रम के लिए कुलपतियों को ही जिम्मेदार ठहराया था। वर्ष 2012 में हास्टल को लेकर हुए बवाल के बाद यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो। सुखदेव थोराट एवं आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो। संजय गोविन्द धांडे की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी इविवि आई थी। इसने विवि को सौंपी रिपोर्ट में हास्टल फैसेलिटी पर फोकस करते हुए सुधार के लिए कई सारे सुझाव भी दिए थे।

जेल भेजने से उखड़े छात्र

उधर, छात्रसंघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री समेत अन्य छात्रों को इलाहाबाद के बाहर की जेलों में भेजे जाने से छात्रों में आक्रोश है। सपा प्रवक्ता और विवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि इतिहास में कभी ऐसा नही हुआ कि आन्दोलनकारी छात्रों को जिले के बाहर की जेलों में रखा जाए। ऋचा सिंह छात्रसभा के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता, अभिषेक यादव, आनंद सिंह निक्कू विक्रांत सिंह के साथ गिरफ्तार छात्रों से मिलने नैनी जेल पहुंची। वहां जेल अधीक्षक द्वारा छात्रों को चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, जौनपुर और मिर्जापुर भेजने की जानकारी मिली।

सीसीटीवी फुटेज की हो जांच

ऋचा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर छात्रों के साथ हो रही दमनात्मक कार्रवाई वापस लेने की मांग की है। उन्होंने हिंसा की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कुलपति कार्यालय समेत छात्रसंघ भवन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर जांच की मांग की है।

जारी रहेगा आन्दोलन

छात्रसंघ भवन पर भी छात्र प्रतिनिधियों ने बैठक कर कहा कि कुलपति के खिलाफ आन्दोलन जारी रहेगा। इसमें जानकारी दी गई कि गिरफ्तार छात्रों को दूसरी जेल शिफ्ट किए जाने के खिलाफ जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया है। बैठक में रोहित मिश्रा राष्ट्रीय मंत्री एबीवीपी, सूरज मिश्रा, अभिषेक तिवारी, शेखर विक्रम सिंह, नवीन मिश्रा, सूरज तिवारी, आशीष कुमार, अमित मिश्रा, अश्विनी कुमार, शैलेंद्र मौर्य, अनुभव सिंह, अनुज कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

छात्रों की प्रमुख मांगे

एमएचआरडी द्वारा भेजी गई दोनो हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कुलपति पर कार्रवाई की जाए।

छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिया जाए।

-सभी को एक जेल में शिफ्ट किया जाए। छात्र शातिर अपराधी नहीं हैं।

- कुलपति द्वारा की जा रही नियुक्तियों को तत्काल रोका जाए।

- रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव को उनके पद पर बहाल किया जाए।