RANCHI : रिम्स में हीमोफीलिया मरीजों के इलाज के नाम पर लापरवाही बरती जा रही है। हीमोफीलिया मरीजों को बैकसाल्टा कंपनी का फैक्टर चढ़ाए जाने पर रोक है, लेकिन फिर भी इसी फैक्टर का ही यहां इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बाबत हीमोफीलिया सोसाइटी की ओर से हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। इसमें कहा गया है कि न्यू फैक्टर उपलब्ध होने के बाद भी यहां हीमोफीलिया मरीजों को पुराना फैक्टर चढ़ाया जा रहा है। खास बात है कि जिस कंपनी के फैक्टर की सप्लाई पर रिम्स ने रोक लगाई है, उसी का फैक्टर मरीजों को चढ़ाया जा रहा है।

मरीजों का बढ़ा दर्द

हीमोफीलिया पेशेंट्स को इंटरनल ब्लीडिंग होने पर ही फैक्टर चढ़ाया जाता है, ताकि उसे दर्द से राहत मिल सके। लेकिन, कुछ महीने पहले यहां फैक्टर चढ़ाने से मरीजों की परेशानी बढ़ जाने का मामला सामने आया था। इस बाबत हीमोफीलिया सोसाइटी की ओर से नाम नाम किसी और कंपनी का और फैक्टर कुछ और सप्लाई किए जाने की कंप्लेन की गई थी। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर फैक्टर का सैंपल कलेक्ट करके ले गए थे। इसके बाद ही बैकसाल्टा कंपनी के फैक्टर की सप्लाई पर रोक लगा दी गई थी।