सारी तैयारियां अधूरी
बरेली के स्टूडेंट्स को न तो अभी तक एडमिट कार्ड मिले हैं और न ही प्रैक्टिकल कराए गए हैं। ये हाल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों स्टूडेंट्स का है। शहर में यूपी बोर्ड के 306 स्कूल हैं। कुछेक स्कूलों में जुम्मा-जुम्मा कुछ ही दिन हुए हैं प्रैक्टिकल्स स्टार्ट हुए। एग्जाम की प्रिप्रेशन को छोड़ स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल की टेंशन से जूझ रहे हैं। एग्जाम के इनविजिलेटर्स का भी कुछ अता-पता नहीं। सारे टीचर्स इलेक्शन की तैयारी में जो बिजी हैं।

डिमांड नहीं भेज पाए
डीआईओएस ने अभी तक इनविजिलेटर्स की डिमांड नहीं भेजी है। शहर में एग्जाम के लिए 146 स्कूलों को सेंटर बनाया गया है। डीआईओएस राकेश कुमार ने बताया कि एग्जाम कंडक्ट कराने के लिए करीब 5 हजार इनविजिलेटर चाहिए। अभी तक इसकी डिमांड डिपार्टमेंट को नहीं भेजी।

सबको इलेक्शन में झोंका
इलेक्शन ने एजुकेशन डिपार्टमेंट की मुश्किलों को डबल कर दिया है। शहर के 400 माध्यमिक टीचर इलेक्शन ड्यूटी पर हैं। यही नहीं डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स और सभी कर्मचारियों को भी चुनाव में लगा दिया गया है। डीआईओएस ऑफिस के 23 कर्मचारी इलेक्शन ड्यूटी पर हैं। यहां पर एग्जाम की व्यवस्था संभालने के लिए कर्मचारी बचे ही नहीं हैं। यहां तक कि डिपार्टमेंटल व्हीकल तक चुनावी ड्यूटी में झोंक दिए गए हैं।

अभी तक नहीं आए एडमिट कार्ड
स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड बोर्ड ऑफिस, इलाहाबाद से जारी होते हैं। ऑफिस बिना मुखिया के चल रहा है। अभी तक स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड नहीं आए हैं। जीआईसी के प्रिंसिपल जीएल कोहली ने बताया कि 24 फरवरी तक एडमिट कार्ड आने की संभावना है। उसके बाद ही स्कूलों को दिए जाएंगे।

कहीं देर न हो जाए
लास्ट मूमेंट पर एडमिट कार्ड बांटने से स्टूडेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कई एडमिट कार्ड में स्टूडेंट्स के नाम, फोटो, सब्जेक्ट और सेंटर संबंधी इंफॉर्मेशन गलत प्रिंट होती हैं, जिन्हें करेक्शन कराने के लिए स्टूडेंट्स को ऑफिसर्स की चौखट के चक्कर काटने पड़ते हैं। जब एडमिट कार्ड ही एग्जाम स्टार्ट होने से कुछ ही दिन पहले मिलेगा तो ऐसे स्टूडेंट्स लास्ट मूमेंट पर एडमिट कार्ड में करेक्शन कैसे करवा पाएंगे।

बोर्ड का मुंह ताक रहे ऑफिसर्स
एडमिट कार्ड, प्रैक्टिकल एग्जाम कंडक्ट कराना और इनविजिलेटर्स की तैनाती के लिए ऑफिसर्स को बोर्ड ऑफिस का मुंह ताकना पड़ रहा है। जबकि बोर्ड ऑफिस की सेक्रेट्री गायब हैं। डीआईओएस ने बताया कि बोर्ड से जैसे-जैसे डायरेक्शन आ रहे हैं, हम उसी के अनुसार अपनी कार्यवाही कर रहे हैं।

कौन संभाले व्यवस्था?
एजुकेशन मिनिस्टर रहे रंगनाथ मिश्र को बर्खास्त कर चार्ज नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सौंप दिया गया। वे पहले से ही एक दर्जन से ज्यादा मंत्रालयों का बोझ उठा रहे थे। डायरेक्टर रहे संजय मोहन टीईटी घोटाले में फंसकर जेल में हैं। इस पद का कार्यभार संभाल रहे चंद्रिका प्रसाद तिवारी पहले ही एक घोटाले की जांच में सीबीसीआईडी के चंगुल में फंस चुके हैं। कोढ़ में खाज की बात तब हुई जब माध्यमिक शिक्षा परिषद, इलाहाबाद की सेक्रेट्री प्रभा त्रिपाठी अचानक गायब हो गईं। टीईटी घोटोले को लेकर पुलिस उनकी तलाश में ऑफिस और घर पर छानबीन कर रही है।

हम तो बोर्ड की डायरेक्शंस पर चल रहे हैं। जैसे-जैसे निर्देश मिल रहे हैं, उसी हिसाब से काम किया जा रहा है। चाहे प्रैक्टिकल हो या एडमिट कार्ड। सब कुछ बोर्ड पर ही निर्भर है।

-राकेश कुमार, डीआईओएस


Report by: Abhishek Singh