-पेरेंट्स ने अपने बच्चों की कॉपियां बाहरी परीक्षकों से कराई चेक तो खुला मामला

-शिकायत दर्ज कराने पहुंचे पेरेंट्स, नहीं मिले फादर

बरेली : बिशप कॉनराड स्कूल कैंट में फेल स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने बाहरी परीक्षकों से कॉपी चेक कराई तो स्कूल में छात्रों को फेल करने की पोल खुल गई. जिस सब्जेक्ट में स्टूडेंट को फेल कर दिया गया था बाहरी परीक्षक ने कॉपी चेक की तो दोगुना से पांच गुना तक ज्यादा मा‌र्क्स आ रहे हैं. हकीकत सामने आने के बाद पेरेंट्स भड़क उठे. वेडनसडे को स्कूल पहुंचकर प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए. पेरेंट्स के आने से पहले फादर व प्रधानाचार्य शाजी क्रिस्टोफर स्कूल से खिसक गए. स्टाफ ने पेरेंट्स को अगले दिन आने की बात कहकर वापस भेज दिया. जिस पर फिलहाल पेरेंट्स शिक्षा विभाग, शासन-प्रशासन से शिकायत करने की बात कहकर चले गए. अब थर्सडे को फिर स्कूल आकर प्रिंसिपल से मिलने की बात कही है. समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

स्कूल ने दी थी कॉपियों की प्रति

दरअसल एक अप्रैल को अभिभावकों के हंगामे के बाद स्कूल प्रबंधन सभी फेल छात्रों की थर्सडे से फिर से परीक्षाएं कराने को तैयार हुआ. परीक्षा कार्यक्रम भी नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया. निर्धारित शुल्क जमा कराकर फेल छात्रों के अभिभावकों को उत्तर पुस्तिकाओं की प्रति भी सौंपी थी. जिन्हें अभिभावकों ने बाहर विषय विशेषज्ञों से चेक कराया तो बच्चे परीक्षा में पास मिले. मूल्यांकन रिपोर्ट साथ लेकर शिकायत दर्ज कराने स्कूल पहुंचे. थर्सडे से फेल छात्रों की होने वाली परीक्षा में बच्चों को शामिल नहीं करने की बात कही. स्कूल प्रबंधन की मंशा पर सवाल उठाए.

यह मिली कॉपियों में स्थिति

11 वीं कक्षा शुभम कुमार

सब्जेक्ट पहले अंक अब अंक

अर्थशास्त्र 80/16 30

बिजनेस 90/34 55

एकांउट 90/31 47

असजद पहले अंक अब अंक

अर्थशास्त्र 80/18 27

बिजनेस 90/22 48

एकांउट 90/9 43

फरीद मिले थे अब हुए अंक

अर्थशास्त्र 80/4 29

बिजनेस 90/1 27

एकांउट 90/9 34

.......

नवमीं कक्षा

रीतिका पहले अंक अब अंक

गणित 100/23 35

विज्ञान 100/1 40

एसएसटी 100/16 30

मिलता ग्रेस तो हो जाता पास

संजीव मिश्रा ने बताया, बेटा आर्यन आठवीं का छात्र है. गणित में 200/63 संस्कृत में 200/51 एसएसटी में 200/40 अंक दिए हैं. अंक तालिका में कुल योग नहीं दिया. जबकि दस अंक का ग्रेस देकर बच्चे को पास किया जा सकता था. इसलिए हम भी चेक कराने के लिए कापियों की प्रति बाहर लेकर जा रहे हैं.

दोबारा प्रवेश कराने का लिया पत्र

राजीव सिंह ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने पुन: प्रवेश कराने का लिखित पत्र लेकर ही बच्चे को परीक्षा में शामिल कराया. बीमार होने पर दिए गए मेडिकल को नहीं माना. 30 हजार रुपए तक कोचिंग पढ़ाने के नाम पर वसूले गए.

यह था मामला

बिशप कॉनराड स्कूल में आठवीं, नवमीं व 11 वीं के फेल छात्रों ने अभिभावकों के साथ हंगामा किया. शिक्षक सार्थक सहगल के साथ धमरंतरण नहीं करने पर जानबूझकर फेल करने, अभद्रता करने, वसूली जैसे आरोप स्कूल प्रबंधन पर लगाकर कोतवाली में तहरीर दी थी. जिस पर स्कूल प्रबंधन ने बाहरी परीक्षक को साथ लेकर कॉपियां चेक कराने का आश्वासन दिया था. एक अप्रैल को जब अभिभावक बाहरी परीक्षक लेकर पहुंचे तो प्रबंधन मुकर गया. बाहरी परीक्षक के स्कूल में दाखिल होने पर रोक लगा दी. जिससे नाराज अभिभावकों ने हंगामा किया. स्कूल प्रबंधन ने सभी फेल छात्रों की दोबारा परीक्षाएं कराने का आश्वासन देकर अभिभावकों का गुस्सा शांत कराया.

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अभिभावकों के आरोप गलत हैं. किसी छात्र को जानबूझकर फेल नहीं किया गया. थर्सडे से शुरू हो रही दोबारा परीक्षा में स्थिति स्वत: स्पष्ट हो जाएगी.

--फादर शाजी क्रिस्टोफर प्रिंसिपल