14 जनवरी से 04 मार्च 2019 तक आयोजित होगा कुंभ

15 रुपए से अधिक के टिकटों पर फिलहाल लगता है मेला सरचार्ज

112 करोड़ के 14 काम एनसीआर ने कर लिए हैं पूरे

591 करोड़ रुपए की लागत वाले 32 कार्य प्रगति पर हैं

-नहीं बढ़ाएंगे टिकटों पर मेला सरचार्ज, वर्षो से चली आ रही व्यवस्था इस बार भी रहेगी लागू

ALLAHABAD: तमाम अटकलों के बीच उत्तर मध्य रेलवे ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कुंभ मेला के दौरान टिकटों पर 'मेला सरचार्ज' नहीं लगाने का फैसला लिया है। यह फैसला विभिन्न वर्गो में सामान्य श्रेणी से प्रथम श्रेणी वातानुकूलित तक की ट्रेनों के टिकटों पर लागू होगा। गौरतलब है कि इस फैसले से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ पहुंचेगा। घोषणा में कहा गया है कि उत्तर मध्य रेलवे इस मेगा-इवेंट के लिए मुस्तैदी से तैयार है। फिलहाल विंध्याचल और मैहर स्टेशनों पर स्थित क्वार व नवरात्रि मेला जैसे प्रमुख मेलों के दौरान टिकटों पर जो सरचार्ज लगाया जाता रहा है वही लिया जाएगा।

खास बातें

-मौजूदा मेला सरचार्ज केवल मेला स्टेशन से जारी टिकटों के संबंध में और मेला स्टेशन की ओर और पीछे वापसी की तरफ के टिकटों पर ही लगाया जाएगा।

-यह अधिभार भारतीय रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से मेला स्टेशन को जारी एकल यात्रा टिकटों पर नहीं लगाया जाएगा।

-मौजूदा मेला अधिभार केवल 15 रुपए (मूल किराया) से अधिक के टिकटों पर लगाया जाएगा।

ताकि तीर्थयात्रियों पर न पड़े बोझ

जीएम एनसीआर राजीव चौधरी ने कहा कि कुंभ मेले में रेलवे द्वारा बड़ा निवेश किया जा रहा है। इसका विशेष रूप से ध्यान दिया जायेगा कि कुंभ में शामिल होने आ रहे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों पर इसका बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि मेला के दौरान खासतौर पर एनसीआर की शुरुआती ट्रेनों साथ चलने वाली प्रस्तावित विशेष गाडि़यों पर कुंभ की ब्रांडिंग भी शुरू हुई है। जीएम ने कहा कि मौजूदा मेला सरचार्ज में कोई वृद्धि न करने की घोषणा कुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए उपहार के समान है।

इतनी मिलेंगी सुविधाएं

-आश्रय और शौचालय

-हैंडवॉश नल

-वेंडिंग स्टॉल्स

-पानी बूथ

-टिकट काउंटर

-ट्रेन इंफॉर्मेशन डिस्प्ले बोर्ड

-एलसीडी टीवी

-मोबाइल चार्जिंग पॉइंट

-पब्लिक एड्रेस सिस्टम

-सीसीटीवी

मौजूदा मेला सरचार्ज में कोई वृद्धि न करने की घोषणा कुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए उपहार के समान है। हम चाहते हैं कि मेले में आने वालों के लिए यह यादगार अनुभव बन जाए।

-राजीव चौधरी

जीएम, एनसीआर