RANCHI: सिविल कोर्ट कैंपस में फर्जी बेलर बनकर जमानत कराने वाला गैंग एक्टिव है। इसमें कई एजेंट भी शामिल हैं। ये ख्00 से भ्00 रुपए लेकर आरोपी का जमानतदार बन जाते हैं। पिछले दिन इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब पुलिस ने वर्ष ख्0क्क् में एक अपराधी का बेलर बना था। इस काम के लिए मो इब्राहिम को तीन सौ रुपए दिए थे। मो इब्राहिम वर्ष ख्000 में चोरी के आरोप में कोतवाली थाना पुलिस के साथ जेल भी गया था। वर्ष क्99ख् में उसके दोस्त परवेज ने एक की हत्या की थी। उस हत्याकांड में उसका भी नाम सामने आया था।

लव भाटिया के आरोपी को मिली थी जमानत

कावेरी रेस्टोरेंट के मालिक लव भाटिया पर पिछले साल क्9 नवंबर की रात जानलेवा हमले के मामले में आरोपी कुख्यात अपराधी शिव शर्मा को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। सिटी डीएसपी ने जब शिव शर्मा के जमानतदारों की कुंडली निकाली तो सभी फर्जी निकले। मामले में तत्कालीन डीएसपी ने उस वक्त लव भाटिया पर हुए जानलेवा हमला मामले में आरोपी अपराधी शिव शर्मा का फर्जी जमानतदार बनने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था।

जमानदतारो की खंगाल रहे कुंडली

लव भाटिया हमला मामले में आरोपी शिव शर्मा की जमानत फर्जी बेलर के जरिए होने के मामले का खुलासा होने के बाद रांची पुलिस ने कोर्ट से फर्जी जमानत पर छूटे अपराधियों पर शिकंजा करने की तैयारी शुरू कर दी है। उन अपराधियों की लिस्ट बनाई जा रही है, जिन्हें फर्जी जमानतदारों के मार्फत बेल दिलाया गया है। इसके अलावा जेल से छूटे सभी अपराधियों व उसके जमानतदारों की भी कुंडली खंगाली जा रही है।

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फर्जी जमानत पर हर दिन क्भ् बेल

बताया जाता है कि कोर्ट को गुमराह कर हर दिन करीब क्भ् फर्जी जमानत की रिपोर्ट सामने आई है। फर्जी जमानत कराने की फीस जमानत राशि की दस प्रतिशत रकम रहती है। जैसे दस हजार की जमानत की फीस एक हजार रुपए होती है। इसमें पांच सौ एजेंट रखता है और बदले में फर्जी साइन व सील से तैयार भू- ऋण पुस्तिका बनाकर देता है।