- कोर्ट ने पीडि़त के पक्ष में फैसला देते हुए सारे बिल खत्म किए जाने का बिजली विभाग को दिया आदेश

BAREILLY:

बिजली विभाग की चौंकाने वाली एक नई कारस्तानी सामने आयी है। आवेदन के दो साल बाद कनेक्शन जोड़ा और अप्लीकेंट को 3.80 लाख का बिजली बिल थमा दिया। पीडि़ता ने शिकायत की तो अफसर गलती को एक्सेप्ट करने की बजाय बिल देने का दबाव बनाने लगे। आखिरकार पीडि़ता ने अस्थाई लोक अदालत में न्याय की गुहार लगाई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मीटर लगने से पहले के सारे बिजली बिल और उस पर लगे सरचार्ज को खत्म करने के आदेश ि1दए हैं।

2 साल तक नहीं दिया कनेक्शन

एजाज नगर गौटिया निवासी हामिद खान की पत्‍‌नी मुस्तकीम बेगम ने दो किलोवॉट का बिजली कनेक्शन लेने के लिए 4 सितम्बर 2014 को आवेदन किया था। हरुनगला फोर्थ डिवीजन में कनेक्शन की फीस 2,650 रुपए जमा कर दी थी, लेकिन कर्मचारियों ने कनेक्शन नहीं जोड़ा और न ही बिजली मीटर लगाया। लिहाजा, बिजली कनेक्शन लेने के बाद भी मुस्तकीम और उनके परिवार वालों को दो वर्ष तक अंधेरे में रहना पड़ा।

विभाग ने नहीं सुनी समस्या

काफी भाग दौड़ के बाद बिजली विभाग ने कनेक्शन देकर मीटर तो लगा दिया। इसके साथ ही 3,31,779 रुपए का बिल भेज कर मुस्तकीम को एक बड़ा झटका दे दिया। एक्स्ट्रा बिल भेजने का सिलसिला यहीं नहीं थमा कर्मचारियों ने एक-एक कर मुस्तकीम को 3.80 रुपए का बिल भेज दिया। जबकि, दो वर्ष तक उन्होंने एक यूनिट भी बिजली बिल इस्तेमाल नहीं किया था। 3.80 लाख का बिल देख मुस्तकीम के होश उड़ गए। जेई से लेकर एसडीओ, एक्सईएन, एसई और चीफ इंजीनियर तक कई चक्कर लगाए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

कोर्ट में िकया वाद दायर

ऑफिस की भाग दौड़ के बाद भी बिजली बिल खत्म नहीं होने से मुस्तकीम थक चुकी थी। लिहाजा, उन्होंने कंज्यूमर्स फोरम में बिजली विभाग के खिलाफ वाद दायर करने का फैसला लिया। मुस्तकीम कंज्यूमर्स फोरम के जानकार एडवोकेट मुहम्मद खालिद जीलानी से मिली। जीलानी के माध्यम से स्थाई लोक अदालत में 13 फरवरी 2017 को केस फाइल कर दिया। 23 फरवरी 2018 को कोर्ट के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार मिश्र, सदस्य राजीव पाठक और बीना शर्मा ने पीडि़ता के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने मीटर लगने से पहले के सारे बिल माफ किए जाने का आदेश बिजली विभाग को ि1दया है।

एक नजर केस पर

- 4 सितम्बर 2014 को नए बिजली कनेक्शन के लिए किया आवेदन।

- 2,650 रुपए के भुगतान के बाद 095394/05 रसीद संख्या काटी गई।

- 1 मई 2016 यानि दो वर्ष बाद बिजली विभाग ने कनेक्शन के साथ मीटर लगाया।

- 16 दिसम्बर 2016 को विभाग ने पहला बिजली बिल 3,31,779 रुपए का भेजा।

- 18 जनवरी 2017 को दूसरा बिजली बिल 3,56,288 रुपए का विभाग ने भेजा।

- 8 फरवरी 2017 को तीसरा बिजली बिल 3,79,457 रुपए का भेजा।

- 4 फरवरी 2017 को बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस नंबर 100032 भेजा।

- विच्छेदन के नोटिस के बाद विभाग ने तीसरा बिजली बिल भेजा था।

- पीडि़ता ने 13 फरवरी 2017 को स्थाई लोक अदालत में वाद दायर किया।

- 23 फरवरी 2018 को कोर्ट ने पुराने सभी बिजली बिल को खत्म करने का आदेश बिजली विभाग को दिया। पीडि़ता सिर्फ मीटर लगने की तारीख से बिल का भुगतान करेगी।

कोर्ट ने पीडि़ता के पक्ष में जजमेंट दिया है। बिजली विभाग ने आवेदन के दो वर्ष बाद कनेक्शन देने के साथ बिजली मीटर लगाया था। साथ में 3.80 रुपए का बिजली बिल भी भेज दिया था। जिसे कोर्ट ने बिजली विभाग को खत्म करने का आदेश दिया है।

मुहम्मद खालिद जीलानी, एडवोकेट