विदेश से आ रहे फेक कॉल, रिसीव या कॉल बैक करने पर चोरी हो जा रहा है मोबाइल में सेव डाटा

VARANASI

केस-1

नदेसर के रहने वाले संजल के मोबाइल पर पिछले कई दिनों से विदेश के नम्बरों से कॉल आ रहा था। कुछ दिन तक तो उन्होंने उसे नजरअंदाज किया। एक बार फोन उठाया तो दूसरी तरफ से कोई बात नहीं हुई। थोड़ी देर बाद फोन खुद कट गया। कुछ दिनों बाद संजल के मोबाइल में रखी पर्सनल चीजें सार्वजनिक हो गयी थीं।

केस-2

सिगरा के सुरेन्द्र के मोबाइल पर देर रात फोन आया। नींद से जगकर घबराये हुए फोन को देखा तो विदेश का कोई नम्बर नजर आया। किसी की इमरजेंसी समझकर फोन उठाया लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी। कुछ दिनों बाद जानकारी हुई कि उनके मोबाइल का सारा डाटा चोरी हो चुका है।

ये केस बता रहे हैं कि इन दिनों शहर के लोगों को मोबाइल पर खूब फेक कॉल आ रहे हैं। ये कॉल इंडिया के नहीं बल्कि विदेशों से आ रहे हैं। किसी के पास इजराइल के नम्बर से तो किसी के पास स्वीडन से। ये फोन करने वाले कौन हैं और फोन क्यों कर रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से बहुत से लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इन फेक कॉल की वजह से लोग खतरे में आ गये हैं। उनके साथ फ्रॉड की संभावना बहुत बढ़ जा रही है। फेक कॉल से बचाव के मैसेज आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।

सब डाटा का खेल

जिनके पास इस तरह के फ्राड कॉल आ रहे हैं, उन्हें लम्बे समय तक पता नहीं चल पाता है कि वो किसी साजिश के शिकार हुए हैं। लेकिन साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि इस फेक काल के पीछे डाटा का खेल है। दुनिया भर में फैले जालसाजों के गिरोह इसमें शामिल होते हैं। वो फेसबुक समेत अन्य सोशल मीडिया के जरिये लोगों को मोबाइल नम्बर हासिल कर लेते हैं। लोगों को फोन करके उनका डाटा चुरा लेते हैं। इन डाटा में पीडि़त के परिचितों का मोबाइल नम्बर, बैंक संबंधी डिटेल, पर्सनल डिटेल आदि होता है।

होता है इस्तेमाल

पीडि़त के मोबाइल से कॉल के जरिये डाटा चुराने वाले उसे मोटी कीमत पर बेच देते हैं

इन डाटा में शामिल सैकड़ों लोगों के फोन नम्बर का इस्तेमाल विज्ञापन एजेंसियां प्रचार के लिए करती हैं

पॉलिटिकल पार्टियां पब्लिक तक पहुंचने के लिए इन लोगों के मोबाइल नम्बर का यूज करती हैं

ढेरों लोग अपना बैंक एकाउंट नम्बर, क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डिटेल, पैन नम्बर आदि मोबाइल में रखते हैं यह भी हैकर के पास पहुंच जाता है

बैंक डिटेल हासिल करने के बाद वह मनी ट्रांजक्शन भी आसानी से कर सकता है

बहुत से लोगों के मोबाइल में उनका पर्सनल वीडियो और फोटो भी होता है यह भी लीक हो जाता है

इनका गलत इस्तेमाल तमाम साइट्स करती हैं

ब्लैकमेलिंग की संभावना बनी रहती है

इन नम्बरों से शुरू हो रहे फेक कॉल

+375

+371

+381

+563-

+370-

+255-

रहें जहा सावधान

-इंडिया के बाहर से आने वाली कॉल को रिसीव ना करें। या करें भी तो पहले उसे जांच लें कि वो आपके परिचित की है या नहीं।

-फेक कॉल ज्यादातर एक-दो रिंग ही होती हैं उन्हें कॉल बैक ना करें

-यदि आप स्मार्ट फोन यूजर हैं तो अपना सारा डिटेल मोबाइल में ना रखें। इसके हैक होने की संभावना काफी ज्यादा होती है

-आप का डाटा हैक होने की आशंका है तो नजरअंदाज ना करें, तत्काल अपने बैंक एकाउंट आदि को सेफ करने का उपाय करें

एक बिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच चुके स्मार्टफोन पर साइबर क्रिमिनल्स की सबसे ज्यादा निगाहें हैं। चोरी के डेटा का ऑनलाइन बिजनेस होता है। एक बार जैसे ही आपका एंड्रॉयड फोन हैक होता है, उसके बाद हैकर्स आपके फेसबुक अकाउंट पर भी कंट्रोल हासिल कर सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग एक्टिवेट करके लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा भी चुरा रहे हैं। हैंडसेट के अलावा फेसबुक भी सोशल क्रिमिनल्स के निशाने पर है, क्योंकि इसमें मौजूद पर्सनल इनफॉर्मेशन का खजाना साइबर क्रिमिनल्स को अट्रैक्ट कर रहा है।

अमित, साइबर एक्सपर्ट

साइबर क्राइम की किसी भी शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है। उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। टेक्नोलाजी बढ़ने के साथ ही साइबर क्राइम में इजाफा हो रहा है। इससे बचने के लिए लोगों को खुद भी सावधान रहना चाहिए।

ज्ञानेन्द्र कुमार, एसपी क्राइम