अपहरण, दुष्कर्म व छेड़छाड़ के काफी मुकदमें निकले फर्जी

फर्जी मुकदमें दर्ज कराने वालों पर होगी 182 की कार्रवाई

 

meerut@inext.co.in
MEERUT: जिले में महिलाओं के प्रति क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन साथ में चौंकाने वाली बात यह भी है कि पुलिस की पड़ताल में अधिकांश मामले फर्जी भी निकल रहे हैं। हालत यह है कि अपहरण, दुष्कर्म और छेड़खानी के 35 फीसदी मामले पुलिस की छानबीन में फर्जी निकले हैं। अपहरण के 49 प्रतिशत मामले फर्जी निकले हैं। पुलिस का कहना है कि फर्जी मामले दर्ज कराने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

 

मुकदमों की सच्चाई

पुलिस का कहना है कि पिछले आठ महीनों में जिले के सभी थानों में 382 अपहरण के मुकदमें दर्ज हुए हैं। लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो इसमें 190 मुकदमें फर्जी पाए गए। इसके साथ छेड़खानी के 402 मुकदमें दर्ज हुए। जिसमें जब पुलिस ने जांच की तो 102 मुकदमें फर्जी मिले। इसके साथ दुष्कर्म के 169 मुकदमें दर्ज किए गए। जिसमें 44 मुकदमें फर्जी मिले, जिसमें पुलिस ने एफआर लगा दी है.

 

दबाव के लिए मुकदमा

पुलिस का कहना है कि छानबीन में निकल कर आया है कि ज्यादातर मुकदमें दूसरी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए दर्ज कराए जाते हैं। जब मुकदमा दर्ज हो जाता है तो दूसरी पार्टी से समझौते के नाम पर मोटी रकम लेकर समझौता कर लिया जाता है, जिससे क्राइम का रिकार्ड तो बढ़ जाता है, लेकिन मुकदमा फर्जी पाया जाता है.

 

182 में होगी कार्रवाई

पुलिस का कहना है कि जितने भी मुकदमों में समझौता हुआ है उसमें अब पुलिस 182 की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कराने वाले पर कार्रवाई करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी तैयारी क ली है।

 

------

पुलिस की जांच में पाया गया है कि महिलाओं से संबंधित अधिकतम मुकदमें जांच में फर्जी पाए गए हैं। फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने वालों पर आईपीसी की धारा 182 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

अखिलेश कुमार, एसएसपी

 

अपराध-दर्ज केस-फर्जी मिले-फर्जी केस का प्रतिशत

अपहरण-382-190-49

दुष्कर्म-169-44-26

छेड़खानी-402-102-25

कुल-953-336-35