नए चेहरों को दिया गया था मौका
आईएम ने केवल मोदी को टारगेट कर ही रांची मॉड्यूल बनाया था। इसमें नए चेहरों को मौका दिया गया था, ताकि किसी को शक न हो और काम हो जाए। प्रॉपर ट्रेनिंग के अभाव में व नए लडक़ों को शामिल करने के कारण रांची मॉड्यूल फेल हो गया।

City में भेजी गई करोड़ों रुपए की fake currency
हालांकि पकड़े जाने से पहले रांची मॉड्यूल के मेंबर्स ने कई घटनाओं को अंजाम दे दिया है। पटना Žलास्ट के बाद पकड़े गए आईएम के मेंबर्स ने पुलिस को इन्फॉर्मेशन दी है कि उनके पास करोड़ों रुपए की फेक करेंसी थी। इसे एक बोरे और दो एयर बैग में भरकर रखा गया था। पटना सीरियल Žलास्ट से कुछ दिन पहले ही इस फेक करेंसी को जमशेदपुर भेज दिया गया है।

पुलिस व खुफिया एजेंसीज के होश
सिटी में फेक करेंसी की खेप भेजे जाने की जानकारी सिटी पुलिस को भी दे दी गई है। इस इंफॉर्मेशन के बाद से पुलिस व खुफिया एजेंसीज के होश उड़ गए हैं। सोर्सेज का कहना है कि पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर फेक करेंसी की इतनी बड़ी खेप किसके पास भेजी गई है।

City की economy को ध्वस्त करना है target
सोर्सेज का कहना है कि जमशेदपुर इंडस्ट्रीयल सिटी है और यहां की इकॉनॉमी सर्विस क्लास के लोगों के साथ ही बिजनेस पर डिपेंड है। उनका कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में फेक करेंसी को यहां भेजे जाने का मकसद सिटी की इकॉनॉमी को ध्वस्त करना है। अगर वे अपने मकसद में कामयाब हो जाते है तो स्थिति भयावह होगी।

City में कई बार सामने आ चुका है जाली नोट का मामला
अब पुलिस व खुफिया एजेंसीज इस बात को लेकर परेशान हैं कि फेक करेंसी की इतनी बड़ी खेप कहीं खपा तो नहीं दी गई है। हालांकि इसका कोई मामला सामने अब तक नहीं आया है। इससे पहले सिटी में कई बार फेक करेंसी रिकवर होने को मामले सामने आ चुके हैं। कई बार रूरल एरिया में दुकानदारों के पास भी नकली नोट रिकवर होते रहे हैं।

आम्र्स तो नहीं खपाए जा रहे
छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी लीडर्स पर हुए नक्सली अटैक में कई लोग मारे गए थे और नक्सलियों ने उनके आम्र्स भी लूट लिए थे। इसके तहत नक्सल अफेक्टेड एरिया की पुलिस को इस बात पर ध्यान देने को कहा गया है कि कहीं वहां से लूटे गए आम्र्स यहां तो नहीं खपाए जा रहे हैं। इसे लेकर भी पुलिस अलर्ट हो गई है।

Special branch की help करेगी पुलिस
अब स्पेशल ब्रांच को नक्सलियों के बारे में इंफॉर्मेशन जुटाने के साथ ही टेररस्टिस पर भी नजर रखने को कहा गया है। इससे अब स्पेशल ब्रांच की जिम्मेवारी बढ़ गई है। फेस्टिव सीजन में हर एरिया पर नजर रखने में होने वाली प्रॉŽलम को देखते हुए अब स्पेशल ब्रांच व पुलिस मिलकर काम करेगी। तर्क यह दिया जा रहा है कि पुलिस लोकल लेवल पर लोगों से जुड़ी रहती है, जिससे उसके पास लगातार इंफॉर्मेशन्स आते रहते हैं। इससे इंफॉमेशन कलेक्ट करने में सहुलियत होगी।

'इंफॉर्मेशन शेयर करने के लिए जल्द ही इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के साथ मीटिंग की जाएगी। सारंडा जैसे नक्सल हिट एरिया में तैनात पुलिस पर्सनल्स से खुफिया एजेंसीज को काफी हेल्प मिल सकती है.'
-पंकज कंबोज, एसपी, वेस्ट सिंहभूम

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