- सिटी की मार्केट्स में नकली नोट आने की बढ़ीं शिकायतें

- ज्यादातर व्यापारियों ने लगाई करेंसी चेकिंग मशीन

GORAKHPUR : अगर पूरे दिन मेहनत करने के बाद पारिश्रमिक के तौर पर 500 या 1000 रुपए का नकली नोट मिल जाए तो आपको नींद आएगी क्या? आर्थिक चपत की ये चोट बेचैन कर देती है। पिछले दिनों भलोटिया मार्केट में एक छोटे कारोबारी के साथ ऐसा ही हुआ। उसने अपना दुखड़ा मार्केट के एक बड़े कारोबारी को बताया तो वह भी अपने साथ हुआ वाकया बताने लगा। उसने बताया कि लास्ट इयर उसके पास करीब 20 हजार रुपए के नकली नोट आए थे। इतना बड़ा नुकसान सहने के बाद कारोबारी ने दुकान पर नकली नोट पकड़ने वाली मशीन लगवा ली। ये किस्सा बस एक बानगी है कि किस तरह व्यापारी नकली नोटों के आतंक से परेशान होकर टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं ताकि उन्हें फिर नुकसान न सहना पड़े।

पेट्रोल पंप और मंडियों को बनाते हैं निशाना

नकली नोटों के कारोबारी पेट्रोल पम्प, मछली मंडी और फल मंडी को आसानी से अपना शिकार बनाते हैं। सिटी के कुछ पेट्रोल पंपों पर तो कुछ ऐसे कैशियर हैं जो नोट के हाथ में आते ही मशीन की तरह उसे रिजेक्ट कर देते है, लेकिन कई पेट्रोल पंप पर नकली नोट चल जाते हैं। इसके कारोबारी फल मंडी और मछली मंडी में आसानी से नकली नोट चला लेते हैं। फेक करेंसी के कारोबारी ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारियों को अपना निशाना बना रहे हैं। किसी फुटकर व्यापारियों को नकली नोट पकड़ा देते हैं। वह कारोबारी जब गोरखपुर स्थित साहबगंज, मेडिसिन मार्केट, ज्वेलरी मार्केट और अन्य मंडियों में आता है तब उसे पता चलता है कि उसके साथ धोखा हुआ है।

लगाई करेंसी चेक करने वाली मशीन

विभिन्न मार्केट्स में आने वाली फेक करेंसी से परेशान व्यापारियों ने करेंसी चेक करने वाली मशीन लगा ली है। सिटी की मेडिसिन मार्केट में 60 परसेंट कारोबारियों ने करेंसी चेक करने मशीन लगा रखी है, वहीं ज्वेलरी मार्केट के 80 परसेंट, साहबगंज मार्केट में 75 परसेंट और महेवा मंडी में 20 परसेंट व्यापारियों ने करेंसी चेक करने वाली मशीन लगा ली है। वहीं जिन व्यापारियों ने मशाीनें नहीं लगाई हैं, वे नोटों को चेक करने में काफी सावधानी बरतते हैं।

ज्वेलरी मार्केट में फेक करेंसी मिलने की शिकायत आती रहती है। सराफा कारोबारी जब बैंक में रुपये जमा करने जाते हैं तो उन्हें नोट को क्रास करके वापस कर दिया जाता है। अक्सर नोट काउंट करते समय व्यापारी ही नकली नोट को पकड़ लेते हैं जिसे कस्टमर को बताकर नष्ट कर दिया जाता है।

शरद चंद अग्रहरि, प्रेसिडेंट, सराफा मंडल, हिंदी बाजर

दो-चार दिन में एक नकली नोट आ जाती है। हमने नकली नोट पकड़ने के लिए मशीन लगा रखी है। नकली नोटों से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे छोटे व्यापारियों को हो रहा है। उन्हें जागरूक होकर ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए।

दिलीप सिंह, दवा कारोबारी, भलोटिया मार्केट

मेडिसिन मार्केट में आए दिन नकली नोट आते रहते हैं। कई बार चपत लगने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने नोट चेक करने वाली मशीनें लगा ली हैं। एक-दो नकली नोट आने पर व्यापारी उसे तुरंत नष्ट कर देते हैं।

अरुण बंका, पीआरओ, दवा विक्रेता संघ भालोटिया मार्केट

मंडी में आने वाले नकली नोटों को लेकर अब व्यापारी काफी सतर्क हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने नोट चेक करने वाली मशीनें लगा रखी है। फिर भी नकली नोट मिलने शिकायत हर दिन मिलती ही रहती है। एक-दो नकली नोट मिलने पर उसे तत्काल नष्ट कर दिया जाता है।

संजय सिघांनिया, प्रेसिडेंट, चेम्बर आफ कॉमर्स साहबगंज मंडी

नकली नोटों से पूरी मंडी के व्यापारी परेशान हैं। यहां के व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पुलिस और जिला प्रशासन में इस पर अंकुश लगाने की इच्छाशक्ति का अभाव है। जब व्यापारी रुपए बैंक में जमा करने जाते हैं तो बैंक उसे क्रॉस करके वापस लौटा देते हैं।

अश्विनी अग्रवाल, प्रेसिडेंट, चेम्बर आफ ट्रेडर्स, साहबगंज मंडी

दिन में एक-दो नकली नोट मिल जाते हैं तो पूरे दिन की मेहनत मारी जाती है। भीड़ के समय कई बार कस्टमर नकली नोट पकड़ा कर चले गए, जो भालोटिया मार्केट में दवा खरीदते समय पकड़ में आई। कुछ ही दिनों में मैं भी नकली नोट पकड़ने वाली मशीन लगवा लूंगा।

रूपेश श्रीवास्तव, दवा करोबारी, असुरन