लेकिन RBI की जांच से ये notes नहीं बच पाते। हाल ही RBI अधिकारी ने लखनऊ के कई बैंक मैनेजर्स के खिलाफ इस मामले में case भी दर्ज कराया। फिलहाल आप के लिए चेतावनी यह है कि कोई fake currency note की सूचना RBI या पुलिस को तुरंत दें वरना यह आप के लिए risky हो सकता है। एक रिपोर्ट कहीं आप की भी जेब में नकली नोट सफर तो नहीं कर रहे? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप को भी जोर का झटका इतने धीरे से लगे कि आप संभल ही ना पाएं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि एक बार फिर नकली नोटों का जिन्न बोतल से बाहर निकला है और अपनी गिरफ्त में ले लिया है आधा दर्जन बैंक मैनेजर्स को।

हजरतगंज स्थित प्राइवेट सेक्टर के एक नामचीन बैंक में अमीनाबाद के ट्रैवल एजेंट ने 45 हजार रुपए जमा करने के लिए भेजे। आप को जानकर हैरानी होगी कि उन नोटों में 500 रुपए के तीस नोट नकली थे। बैंक मैनेजर ने तुरंत थाने में एफआइआर दर्ज करा के नोटों को पुलिस के हवाले कर दिया। चौक निवासी तरुण ने एक निजी बैंक के एटीएम से 10 हजार रूपए निकाले जिसमे से 500 रुपए के दो नोट नकली थे। गोमती नगर निवासी शैलेश कुमार नकली नोटों से इतना डर गए हैं कि उन्होंने एटीएम यूज करना ही बंद कर दिया है। अब वह बैंक के काउंटर से ही पैसे निकालते हैं। लखनऊ में बैंक सोर्सेज के मुताबिक शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरता है जब एक ब्रांच में 8-10 नकली नोट न निकल रहे हों।

पब्लिक सेक्टर के एक बड़े बैंक के सीनियर अधिकारी ने बताया कि पहले तो यह पता करना ही मुश्किल है कि कौन सा नोट नकली है? लेकिन अगर पता चल भी जाए तो कोई रिस्क लेने के  लिए तैयार नहीं होता और नोट को आगे ट्रांस्फर कर दिया जाता है। इसमें ग्राहक टू बैंक, बैंक टू करेंसी चेस्ट, करेंसी चेस्ट टू करेंसी चेस्ट की पूरी चेन इन्वाल्व हो जाती है। दिक्कत तब हुई जब करेंसी चेस्ट से नकली नोटों को निकाले बिना उन्हें आरबीआई के खाते में जमा किया गया। क्योंकि आरबीआई इस मामले में सख्त है और वहां नोटों की गहन छानबीन की जाती है। वहां लगभग एक लाख रुपए के नकली नोट पकड़ में आने के बाद बैंक की गड्डी के आधार पर बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई जिनमें यूबीआई, सिंडीकेट बैंक, एसबीआई और विजया बैंक शामिल हैं।

रोज होता है झगड़ा
आईसीआईसीआई बैंक हो या फिर एचडीएफसी, पब्लिक सेक्टर का एसबीआई हो या फिर विजया बैंक ऐसा कोई दिन नहीं होता जिस दिन नकली नोट का हल्ला ना होता हो। चौक सर्राफ के बड़े व्यापारी आदिश जैन कहते हैं कि गड्डी से एक दो नकली नोट निकलना आम बात है, चौक स्थित मेडिकल स्टोर के ओनर का भी यही मानना है लोग नकली नोट लेकर दवाई खरीदने आते हैं। लोहिया पथ स्थित पेट्रोल पम्प के कैश मैनेजर कहते हैं कि जरा सा चूके और लग गया चूना। अक्सर लोग नकली नोट दे जाते हैं, आगे चल गया तो ठीक वर्ना भुगतना पड़ता है।

पूरा हाल फिल्म की मस्ती में मस्त था लेकिन अभिषेक और उनकी फ्रेंड कुसुम फिल्म को इंज्वाय नहीं कर पा रहे थे। मामला एक हजार रुपए के नोट से जो जुड़ा था। दोनो आईनॉक्स में देहली बेली फिल्म देखने गये थे फिल्म शुरू होने में टाइम था लिहाजा कुसुम ने अभिषेक को एक हजार रुपए का नोट चेक करने के लिए दिया। अभिषेक ने नोट को हाथ में लेते ही बता दिया कि यह नोट नकली है। बस यही से शुरू हो गया टेंशन का दौर और दोनों ही फिल्म को इंज्वाय नहीं कर पाए।

नकली नोट, असली बैंक
आरबीआई की सहायक महाप्रबंधक शालिनी सचान ने गोमतीनगर थाने पर एफआईआर दर्ज कराई कि प्रबन्धक केनरा बैंक विपिनखण्ड गोमतीनगर, प्रबन्धक सिन्डीकेट बैंक एम-27 गोल मार्केट महानगर, यूनियन बैंक आफ  इण्डिया क्लार्क अवध ब्रांच,  इलाहाबाद बैंक हजरतगंज ब्रांच,  बैंक बाफ  बड़ौदा विभिूतिखण्ड ब्रांच, विजया बैंक निरालानगर ब्रांच सहित 20 बैंको के प्रभारियो द्वारा भारतीय स्टेट बैेंक विपिनखण्ड गोमतीनगर में विभिन्न मूल्यो के जाली नोट कुल 98900/-रुपये जमा किये गये हैं।

कहीं career न बन जाएं
सिक्योरिटी एक्सपर्ट मनु प्रियम कहते हैं कि सेक्शन की धारा 489 एबीसीडी के तहत अगर आप को कहीं से फेक करेंसी प्राप्त होती है तो इसकी सूचना आरबीआई के साथ नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को जरूर दे। अगर करेंसी में पांच से ज्यादा नोट नकली है तो उसकी एफआईआर दर्ज कराना अनिवार्य हैं। ऐसा न करने पर आप को आरबीआई कैरियर मानेगा। इस विषय में और भी सख्त कानून बनाए जाने पर विचार चल रहा है।

खुद की व्यवस्था
टेलीकम्युनिकेशन कंपनियां, सर्राफा व्यापारी और रिटेल स्टोर ने नकली नोटों से पार पाने की तरकीब निकाल ली है। बिल जमा करने पर नोटों के साथ बिल नम्बर लिखा जा रहा है, सर्राफा मार्केट में प्रैक्टिस है कि किसी व्यापारी की गड्डी से नकली नोट निकलता है तो उसको उसे वापस लेना होगा और रिटेल स्टोर से सामान लेने वाला ग्राहक यदि 500 या फिर हजार रुपए का नोट दे रहा है तो उसका नाम और मोबाइल नम्बर अलग से लिखा जा रहा है।

काफी दिनों से नहीं पकड़ा गया है racket 
अखबारों की सुखिर्यों में काफी दिनों से किसी नकली नोट छापने वाले रैकेट का खुलासा नहीं हुआ है। बैंक के एक सीनियर अधिकारी कहते हैं कि जब-जब चुनाव सर पर होते हैं और नकली नोटों का चलन तेज हो जाता है। उनका कहना है कि बार्डर एरियाज में सघन तलाशी अभियान के साथ उधर से आने जाने वाले लोगों पर कड़ी निगाह रखने की जरूरत है।

Increase हुई भीड़
सरकारी बैंक के एक सीनियर अधिकारी मानते हैं कि हां इधर कुछ दिनों से बैंक काउंटर से विदड्राल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। उनके मुताबिक लोगों में नकली नोटों का भय है। वह कहते हैं कि भले ही नोट असली हों लेकिन लोग उन्हें नकली समझ कर वापस करने बैंक चले आते हैं। ज्यादातर केसेज में करेंसी असली ही निकलती है। निजी बैंक के सीनियर अधिकारी भी मानते हैं कि एटीएम मनी से लोगों का विश्वास थोड़ा कम हुआ है।