क्या है ये
आईआईबीएम संस्थान डिस्टेंस लर्निंग से शिक्षा देता है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इसका हेडक्वार्टर ह्यूस्टन टेक्सास में है। इंडिया में इसके सेंटर नेहरू प्लेस, दिल्ली में है। मेरठ में इसके दो सेंटर हैं। एक दिल्ली रोड पर बेरीपुरा में और दूसरा शताब्दी नगर में। ये संस्थान कई तरह के कोर्स कराता है। दावा करता है कि इसके द्वारा जारी किया जाने वाले सर्टिफिकेट आईमा(एआईएमए), फिक्की और कई और सरकारी संस्थाओं से रिकगनाइज्ड है।

नहीं है मान्यता
बता दें कि टेक्निकल कोई भी कोर्स चलाने के लिए एआईसीटीई से अप्रूवल होना जरूरी है। लेकिन इस संस्थान के किसी कोर्स को एआईसीटीई ने अप्रूवल नहीं दे रखा है। यूजीसी से भी इसे मान्यता नहीं है। संस्थान का दावा है कि यह एक ऑटोनॉमस बॉडी है। इसको किसी मान्यता की जरूरत नहीं है। खास बात ये है कि ये संस्थान एमबीए में 43 तरह के स्पेशलाइजेशन कराता है।

डिस्टेंस लर्निंग
इसके सारे प्रोग्राम डिस्टेंस लर्निंग से संचालित हैं। स्टडी मैटिरियल भी ऑनलाइन आता है। टेस्ट भी ऑनलाइन ऑर्गेनाइज होता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए एक साल का एमबीए प्रोग्राम है। जबकि छात्रों के लिए दो साल का एमबीए है। एक साल की एमबीए की फीस 29 हजार रुपए है।

कैसे चल रहा
हैरत की बात है कि ये संस्थान चल कैसे रहा है। उच्च शिक्षा अधिकारी के दफ्तर से चंद कदमों की दूरी पर इसका कैंपस चल रहा है। अब तक ये संस्थान कितने ही छात्रों को ऐसे ही ठग चुका है। लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कमाल की बात ये है कि इसकी वेबसाइट पर ही ये जानकारी दी गई है कि संस्थान के पास एआईसीटीई और यूजीसी से मान्यता नहीं है।

एआईसीटीई के अप्रूवल के बिना कोई भी संस्थान एमबीए की डिग्री नहीं दे सकता है। ये पूर्णत: अवैध है। ऐसे संस्थानों पर पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है। इस संस्थान की जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
बीएन शुक्ला, उच्च शिक्षा अधिकारी

पांच हजार ठगे गए
इस संस्थान से करीब पांच हजार छात्र एनरोल हैं। सबसे संस्थान मोटी फीस वसूल चुका है। इन छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इनसे लाखों रुपए की ठगी हो चुकी है। खास बात ये है कि इस संस्थान ने काउंसलर के तौर पर महिला कर्मचारी नियुक्त की हुई हैं। एडमिशन सीजन में ये 12वीं, ग्रेजुएशन पास छात्रों को फोन करती हैं। इन्हें एडमिशन के लिए जाल में फंसाती हैं.

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