ज्वॉइनिंग के दौरान दिए गए डॉक्यूमेंट निकले फर्जी, दर्ज हुआ केस

-एक बार आरयू ने भी भेज दी गलत रिपोर्ट, 12 जनवरी की रिपोर्ट में पकड़ा गया झूठ

>BAREILLY:

फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर आसिस्टेंट टीचर की नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। सिर्फ इतना ही नहीं आरयू की ओर से डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन की गलत रिपोर्ट देने के कारण आसिस्टेंट टीचर को सैलरी तक मिल गई। दोबारा डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन में जब मामला पकड़ में आया तो बरेली मंडल के ज्वॉइंट डायरेक्टर एजुकेशन शिव प्रकाश द्विवेदी ने टीचर पर बरादरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

ख्भ् जून को हुई नियुक्ति

ज्वॉइंट डायरेक्टर के अनुसार क्रिस्टल कॉलोनी गोल्डन ग्रीन पार्क निवासी श्वेता सक्सेना पुत्री अनिल सक्सेना की नियुक्ति ख्भ् जून ख्0क्भ् को राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय ककराला शाहजहांपुर में अंग्रेजी विषय में असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई थी। श्वेता का बाद में क्ब् जुलाई को राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय बढ़ेपुरा बरेली में ट्रांसफर कर दिया गया। श्वेता ने ज्वॉइनिंग के वक्त आरयू से जारी वर्ष ख्000 में बीए और वर्ष ख्00क् में बीएड में उत्तीर्ण होने के डॉक्यूमेंट दिए थे। जब डॉक्यूमेंट का आरयू से वेरीफिकेशन कराया गया तो ख्7 जुलाई ख्0क्भ् की रिपोर्ट में डॉक्यूमेंट सही बताए गया। जिसके बाद श्वेता को सैलरी भी दी गई। मामला तब पकड़ में आया जब श्वेता ने मुरादाबाद मंडल में स्नातक वेतनक्रम के तहत नियुक्ति के लिए आवेदन किया। मुरादाबाद मंडल के जवाइंट डायरेक्टर ने जब उनके डाक्यूमेंट आरयू से वेरीफाई कराए गए तो आरयू की ओर से ख्ब् दिसंबर को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि श्वेता के दोनों डॉक्यूमेंट आरयू से जारी नहीं किए गए हैं।

दूसरी रिपोर्ट को बताया सही

ज्वाइंट डायरेक्टर के अनुसार एक ही यूनिवर्सिटी से दो अलग-अलग रिपोर्ट आने पर उन्हें शक हुआ तो एक बार फिर से आरयू को इस बारे में जानकारी देते हुए आरयू से फिर डॉक्यमेंट वेरीफिकेशन के लिए लेटर लिखा गया कि आखिर कौन सी रिपोर्ट सही है। जिसके बाद आरयू की ओर से क्ख् जनवरी ख्0क्म् को भेजी गई तीसरी रिपोर्ट में बताया गया कि श्वेता मामले में पहले भेजी गई रिपोर्ट गलत है। ऐसी कोई रिपोर्ट उसकी ओर से नहीं भेजी गई है। उसके डॉक्यूमेंट फर्जी हैं। बरेली मंडल के ज्वॉइंट डायरेक्टर एजुकेशन शिव प्रकाश द्विवेदी का कहना है कि दो बार हुए वेरीफिकेशन में फर्जी डॉक्यूमेंट का मामला पकड़ में आने के बाद टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पहली बार जारी की गई डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन की रिपोर्ट आरयू से नहीं भेजी गई है। जबकि दोबारा भेजी गई रिपोर्ट ही सही है।

एसएल मौर्य रजिस्ट्रार आरयू