- आईएफएस में चयनित होने की बात कहकर घुसना चाहता था एकेडमी में

- चयन संबंधी किसी भी तरह का कागजात मांगने पर नहीं कर पाया पेश

- लखनऊ निवासी इस युवक को एकेडमी प्रशासन ने पुलिस हिरासत में सौंपा

DEHRADUN/MUSSORIE:

देश को एक से बढ़कर एक आईएएस अधिकारी देने वाली लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक एकेडमी का गलत कारणों से चर्चा में आने का क्रम लगातार जारी है। कई माह तक फर्जी आईकार्ड के जरिए ट्रेनी आईएएस अधिकारी बनकर एकेडमी में रही रूबी चौधरी का मामला अभी निपटा भी नहीं है कि एक बार फिर एक युवक ने एकेडमी पहुंचकर खुद को भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में चयनित बताकर एडमिशन के लिए अंदर घुसने का प्रयास किया। लखनऊ निवासी इस युवक के पास कोई कागजात नहीं होने और अपने पास भारतीय लोकसेवा आयोग से आई लिस्ट में इसका नाम नहीं होने के चलते एकेडमी प्रशासन ने उसे हैप्पीवैली पुलिस चौकी के हवाले कर दिया। फिलहाल युवक पुलिस हिरासत में है, लेकिन मामले में एकेडमी की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई है।

खुद को बताया आईएफएस में चयनित

लखनऊ निवासी युवक रोमी महेंद्रू पुत्र स्व। राजेंद्र कुमार महेंद्रू सैटरडे 5 सितंबर को देर शाम एलबीएस एकेडमी मुख्य द्वार पर पहुंचा और खुद को भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) 2014 में सलेक्टिड बताया। उसके एकेडमी में प्रवेश का प्रयास करने पर सुरक्षा कर्मियों ने उसे अगले दिन आने को कहा। संडे को रोमी फिर से एकेडमी गेट पर पहुंचा और प्रवेश की मांग की। द्वार पर तैनात कर्मियों ने उससे अपना पहचान पत्र और यूपीएससी से दिया गया चयन पत्र दिखाने को कहा, लेकिन युवक मात्र वोटर आईडी कार्ड ही दिखा पाया। इससे शक होने पर एकेडमी कर्मचारियों ने पास ही स्थित हैप्पीवैली पुलिस चौकी से पुलिस बुला ली और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

घर पर कहकर आया है ट्रेनिंग की बात

मसूरी कोतवाल आरएस खोलिया ने बताया कि युवक द्वारा दिए गए नंबर पर पुलिस ने उसकी मां से बातचीत की तो उन्होंने युवक के एमबीए होने की जानकारी दी और साथ ही बताया कि रोमी घर से किसी संस्थान में एडमिशन व प्रशिक्षण की बात कह कर आया था। फिलहाल रोमी को कोतवाली में ही रखा गया है। एलबीएस एकेडमी की ओर से युवक के खिलाफ पुलिस को किसी प्रकार की तहरीर नहीं दी गई है। कोतवाल ने बताया कि युवक से पूछताछ के लिए सीओ मसूरी पहुंच रहे हैं। हालांकि समाचार लिखने तक सीओ मसूरी कोतवाली में नहीं पहुंचे थे।

रोमी बोला, मैं नहीं हूं फर्जी

मीडिया से बातचीत में रोमी महेंद्रू ने बताया कि वह फर्जी नहीं है। वह 2004 से लगातार यूपीएससी तथा उत्तरप्रदेश पीसीएस आदि की परीक्षा देता रहा है और 2014 बैच के लिए उसके भारतीय विदेश सेवा में चयन की सूचना उसे यूपीएससी की तरफ से ही दी गई थी। उसने यह भी बताया कि वह अभी चयन प्रक्रिया में है। उसने बताया कि डीओपीटी ने अप्रैल में उसे एक पत्र भेजा था, जिसमें यह लिखा था कि उसके चयन के लिए यूपीएससी उससे आने वाले दिनों में कम्युनिकेट करेगा। उसके बाद मैने उपराष्ट्रपति कार्यालय और सुप्रीम कोर्ट के दो जजों, जस्टिस अनिल दावे और जस्टिस मिसेज बानुमति से निवेदन किया था कि मेरी चयन व नियुक्ति में कुछ समस्याएं आ रही हैं।

लगाए आइडेंटी दुरुपयोग के आरोप

रोमी का कहना है कि कुछ समय पहले मेरी आइडेंटी का दुरुपयोग किया गया है। इसके लिए यूपी पुलिस में भी सूचना दी गई थी। उसने बताया कि इस समय मै कोई पत्र व फाइल नहीं ला पाया था। सारी सूचनाएं मैंने डीओपीटी और एकेडमी को मेल से दे दी हैं। रोमी ने बताया कि उसने पुलिस को भी अपना लिखित क्लेरिफिकेशन दिया है।

युवक ने पुलिस को एक पत्र लिख कर दिया है, जिसमें उसने एकेडमी कर्मियों तथा पुलिस पर उसके साथ अभद्रता एवं मारपीट करने का आरोप लगाया है। मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दे दी गई है और सीओ मसूरी समेत चार लोगों की टीम युवक से पूछताछ करने मसूरी आ रहे हैं।

आरएस खोलिया, कोतवाल, मसूरी

बार-बार, लगातार और हर बार

DEHRADUN:

मसूरी स्थित देश की प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक एकेडमी का शायद सुर्खियों में रहने का क्रम अभी लंबा खिंचने जा रहा है। पिछले छह माह को ही देखें तो यह तीसरा वाकया है, जब एकेडमी गलत कारणों से चर्चा में आई है। कभी फर्जी ट्रेनी आईएएस, कभी आईटीबीपी सिपाही के फायरिंग कर अपने साथियों को मार देने की घटना और अब ये फर्जी आईएफएस अधिकारी प्रकरण। बार-बार, लगातार और हर बार एकेडमी का नाम गलत ही कारणों से सुर्खियों में छा रहा है।

0म् जून, ख्00फ्: सुबह छह बजे पांच लोग असलहे समेत एकेडमी परिसर की घोड़ा लाइन स्थित मकान टाइप नंबर-एक में पहुंचे। अंदर घुसकर सुरक्षाकर्मी करतार सिंह, उसके बेटे विक्रम उर्फ विक्की और बहू अलका को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार डाला। इसके बाद हत्यारे एकेडमी में असलहे लहराते हुए भाग निकले थे। इस तिहरे हत्याकांड ने एकेडमी की सुरक्षा को पूरी तरह से कठघरे में खड़ा कर दिया था।

ख्7 जुलाई, ख्00म्: एकेडमी के सुरक्षा अधिकारी एसएस बिष्ट ने मसूरी थाने में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर आईएएस का प्रशिक्षण लेने के आरोप में सामराज पुत्र सैलाबराज निवासी ओडमचालू मीरटेंट पुनपुंजा पोस्ट-आरमाडा दासनगर, जनपद त्रिवेंद्रपुरम (केरल) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोपी ने कुछ दिन तक यहां रहकर प्रशिक्षण ले भी लिया था, पर किसी को भनक नहीं लगी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर फर्जीवाड़े में चार्जशीट लगाई। आरोपी वर्तमान में जमानत पर है और केस अदालत में विचाराधीन है।

07 अगस्त, ख्0क्ख्: एकेडमी में सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए अंदर के ही एक शख्स के लैपटॉप से वेबसाइट पर अश्लील वीडियो, फोटो व कमेंट अपलोड कर दिए गए। मामला काफी चर्चा में रहा और इसमें भी एकेडमी की इलेक्ट्रानिक सुरक्षा प्रणाली पर सवाल भी उठे। एकेडमी के अधीक्षक प्रशिक्षण विक्रम सिंह ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जांच इंस्पेक्टर कैंट को सौंपी गई। पुलिस ने लैपटॉप सीज कर फोरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा, मगर आज तक न तो लैपटॉप वापस आया, न ही आई फोरेंसिक जांच रिपोर्ट। पुलिस ने खुद जांच को फाइलों में दफन कर दिया।

फ्क् मार्च, ख्0क्भ्: एकेडमी प्रशासन की तरफ से मसूरी कोतवाली में मुजफ्फरनगर निवासी रूबी चौधरी के विरुद्ध फर्जी तरीके से एकेडमी में रहने का मुकदमा कराया। आरोप था कि रूबी खुद को आइएएस बता वहां रह रही थी और प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया। मामले में एकेडमी के एक बड़े अधिकारी का नाम भी प्रकाश में आया लेकिन मामला दब गया। रूबी की गिरफ्तारी हुई और बाद में उसे जमानत भी मिल गई। मामले में पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है।

क्0 जुलाई, ख्0क्भ्: एकेडमी के गेट पर सुरक्षा के लिए तैनात आईटीबीपी के सिपाही चंद्रशेखर ने अपने अधिकारी के रवैये से गुस्सा होकर खुलेआम एलएमजी से दर्जनों फायर कर एसआई सुरेंद्रलाल और सिपाही अख्तर हुसैन को घायल कर दिया और क्00 राउंड कारतूस समेत एलएमजी लेकर फरार हो गया। सुरेंद्रलाल की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में चंद्रशेखर को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया।