BAREILLY: रेलवे में नौकरी दिलाने वाला एक और रैकेट मंडे को बरेली जंक्शन पर पकड़ा गया। वह पार्सल घर में नौकरी का लालच देकर बेरोजगारों को फांसता था। उसने गंगादेवी नाम की युवती को नौकरी दिलाने के लिए बुलाया था। जैसे ही इस बात की सूचना जीआरपी को मिली रैकेट चलाने वाले अनिल को पकड़ लिया। आरोपी अनिल के पास से रेलवे कर्मचारियों को दी जाने वाली यूनीफॉर्म भी बरामद हुई हैं।

 

पार्सल घर में नौकरी दिलाने का दावा

मूल रूप से आंवला के गैनी गांव निवासी अनिल संजय नगर रोड स्थित सैनिक कॉलोनी में रहता है। अनिल ने नवाबगंज मियांपुर के रहने वाले किशनलाल की बेटी गंगादेवी को रेलवे के पार्सल घर में नौकरी दिलाने के लिए बरेली जंक्शन पर मंडे को बुलाया था। नौकरी दिलाने का झांसा देकर वह किशनलाल से ढाई हजार रुपए भी ले चुका था। बाकी के रुपए नौकरी लगने के बाद देने की बात तय हुई थी। गंगादेवी और उसके पिता किशनलाल को यह यकीन हो जाए कि वह नौकरी लगवा सकता है और रेलवे में उसकी जान पहचान है वह दिखावे के लिए जीआरपी थाने में जाकर एमएसटी बनवाने लगा।

 

शक होने पर जीआरपी ने पकड़ा

बरेली जंक्शन पहुंचे किशनलाल ने जीआरपी के एक जवान से पूछ लिया कि क्या कोई नौकरी का कागज है, जीआरपी नौकरी भी देती है। जिस पर जवान ने कहा नहीं। जिसके बाद किशनलाल ने सारी कहानी जीआरपी को सुनाई। मामला समझ में आते ही जीआरपी ने अनिल को पकड़ लिया। पूछताछ में अनिल ने बताया कि किशनलाल के गांव में ही उसकी मौसी का घर है। वहीं उसकी मुलाकात गंगादेवी से हुई थी।

 

बैग में रेलवे की ड्रेस भी मिली

आरोपी अनिल के पास से ब्लू कलर की ड्रेस भी मिली हैं, जो कि पार्सल घर के कर्मचारी पहनते हैं। नौकरी दिलाने की कागजी कार्रवाई पूरी करने के बहाने वह एक महीने के अंदर ही तीन बार गंगादेवी को बरेली बुला चुका है। गंगादेवी के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 11 वीं पास है। गांव में अपने रिश्तेदार के घर आए अनिल ने बताया था कि इस समय रेलवे में नौकरी निकली हैं और वह नौकरी लगवा सकता है। उसने बताया था कि 40 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। 40 हजार रुपए सैलरी मिलने के बात पर वह झांसे में आ गए।

 

अनिल नाम के युवक को पकड़ा गया है। जो कि रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों को झांसा देता है। मंडे को भी वह एक युवती को नौकरी दिलाने के लिए जंक्शन पर बुलाया था।

विजय कुमार, इंस्पेक्टर, जीआरपी बरेली जंक्शन