-शुक्रवार को भी एलयू ने जारी की 96 फर्जी कैंडीडेट्स की लिस्ट

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LUCKNOW : लखनऊ मंडल के राजकीय स्कूलों में भर्ती के लिए चल रही एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा। हालांकि, जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करना तो दूर, मामले की जांच तक करने कर कतरा रहे हैं। आलम यह है कि माध्यमिक शिक्षा मंत्री काफी दिनों से महज जांच का दावा करते आ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि मंत्री जी आखिर कोई कड़ी कार्रवाई करने से बच क्यों रहे हैं।

95 प्रतिशत तक मार्कशीट्स फर्जी

लखनऊ मंडल में राजकीय स्कूलों में 741 पदों की भर्ती के लिए एलटी ग्रेड की प्रक्रिया आयोजित की जा रही हैं। पहले चरण में भर्ती के लिए आयोजित काउंसिलिंग प्रक्रिया में 14 सौ से अधिक कैंडीडेट्स को बुलाया गया था। इन सभी की मार्कशीट्स का वेरीफिकेशन कराने के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर सुत्ता सिंह ने सभी संबन्धित यूनिवर्सिटी को मार्कशीट्स भेजी थी। इसमें सबसे ज्यादा मार्कशीट्स लखनऊ यूनिवर्सिटी को भेजी गई थी। यूनिवर्सिटी की ओर से इन मार्कशीट्स की जांच की गई, जिसमें करीब 95 प्रतिशत मार्कशीट्स के फर्जी होने का मामला सामने आया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में इन सभी कैंडीडेट्स पर कार्रवाई की संस्तुति दी है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर ज्वाइंट डायरेक्टर को भेजा भी गया है। ज्वाइंट डायरेक्टर ने लखनऊ यूनिवर्सिटी की ओर से भेजी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई के लिए शासन को भेज दिया है। इसके बाद भी प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा मंत्री कार्रवाई करना तो दूर जांच तक कराने को राजी नहीं दिख रहे।

एलयू की साढ़े तीन सौ मार्कशीट्स फर्जी

लखनऊ यूनिवर्सिटी की ओर से भेजी गई मार्कशीट्स के वेरीफिकेशन का काम अंतिम चरण में है। जेडी की ओर से यूनिवर्सिटी को करीब पांच सौ मार्कशीट्स वेरीफिकेशन के लिए भेजी गई है। इनकी जांच कर यूनिवर्सिटी अब तक 355 मार्कशीट्स को फर्जी बता चुका है। लखनऊ मंडल में एलटी ग्रेड की 741 पदों की भर्ती प्रक्रिया में अभी तक एलयू ने क्रमश: 33, 80, 92, 50 फर्जी मार्कशीट्स पकड़ी जा चुकी हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को एलयू ने और 124 मार्कशीट्स की वेरीफिकेशन प्रक्रिया पूरी की, जिसमें से यूनिवर्सिटी ने 96 मार्कशीट्स के फर्जी होने की पुष्टि कर दी है।

मार्कशीट्स में 70 से 80 फीसदी नंबर

वेरीफिकेशन के लिए भेजी गई मार्कशीट्स के फॉर्मेट भी यूनिवर्सिटी से मेल नहीं खा रहे हैं। यूनिवर्सिटी अधिकारियों के मुताबिक मामला बड़े स्तर पर गड़बड़ी की बात की ओर इशारा कर रहा है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर मार्कशीट्स में कैंडीडेट्स के मा‌र्क्स 75 से 80 फीसदी के बीच हैं। इसके अलावा इन मार्कशीट्स पर जो रोल नंबर प्रिंट है वह यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में ही नहीं है।

एलयू कर चुकी एसटीएफ जांच की मांग

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने इतने बड़े पैमाने पर अपनी मार्कशीट्स के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद अपनी साख बचाने में जुट गया है। यूनिवर्सिटी अब फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ से कराने की गुहार लगा चुका है। लेकिन इस अपील पर शासन की ओर से कोई कार्रवाई तो दूर मामले की जांच के कराने के लिए हामी तक नहीं भरी गई है।

प्रमुख सचिव से मांगी गई रिपोर्ट

फर्जी मार्कशीट्स सामने आने के बाद भी माध्यमिक शिक्षा मंत्री इस पूरे मामले की केवल जांच की बात कह रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रमुख सचिव से इसे पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। पर रिपोर्ट बनी या नहीं इस बारे में कोई जानकारी शासन में नहीं है। वहीं जेडी सुत्ता सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले की शासन को भेजी जा चुकी है। जिसमें फर्जीवाड़ा करने वाले कैंडीडेट्स के खिलाफ कार्रवाई या एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है।

संदेह के घेरे में पूरी भर्ती प्रक्रिया

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। महेंद्र नाथ राय का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में जितने बड़े पैमाने पर फर्जी मार्कशीट्स के मामले सामने आए है। उसे देखकर तो यही लगता है कि इस भर्ती प्रक्रिया में ऊंचे पदों पर मौजूद लोगों के करीबियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। वही माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट का कहना है कि इससे पहले हमने प्रिंसिपल पदों पर हो रही भर्ती में उगाही को लेकर आंदोलन किया था। जिसमें हर कैंडीडेट्स को करीब 20-20 लाख रुपए तक वसूलने का मामला सामने आया था। इस भर्ती प्रक्रिया में भी जिस तरह से फर्जीवाड़े के मामले सामने आए है। उसे देखकर तो यही लग रहा है, कि इस भर्ती में भी पैसा का खेल चल रहा है।

बाकि जिलों में शुरू की गई जांच

जेडी लखनऊ ने फर्जी मार्कशीट मिलने के बाद मंडल के सभी जिलों में चल रही एलटी ग्रेड की भर्ती प्रक्रिया में यूज सभी मार्कशीट्स की जांच शुरू कर दी है। जेडी के आदेश के बाद सभी जिलों में जितने भी मार्कशीट आए है। वह सभी संबन्धित यूनिवर्सिटी व शिक्षा बोर्ड से वेरीफाई कराने का काम शुरू हो गया है। इस जांच में ग्वालियर की पांच व वाराणसी रीजन की तीन यूपी बोर्ड की फर्जी मार्कशीट्स सामने आ चुकी है। इसके अलावा पूर्वाचल यूनिवर्सिटी, फैजाबाद यूनिवर्सिटी के अलावा दक्षिण भारत की एक यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट्स वेरीफिकेशन में फर्जी मिल चुकी है।

चयन समिति में रखा जाएगा मामला

जेडी लखनऊ सुत्ता सिंह का कहना है कि भर्ती कैंसिल करने या इसकी जांच के लिए कोई आर्डर शासन की ओर से नहीं मिला है। सुत्ता सिंह ने बताया कि एक बार सभी जिलों में चल रहे इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल कैंडीडेट्स की मार्कशीट्स का वेरीफिकेशन हो जाए तो इसकी रिपोर्ट बनाकर चयन समिति में रखा जाएगा, जो भर्ती प्रक्रिया के भविष्य को तय करेगी। समिति इसके बाद रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेगी। उन्होंने बताया कि अगर प्रक्रिया को शासन रद्द भी कर सकता है।

शुक्रवार को 96 और फर्जी मार्कशीट्स की रिपोर्ट जेडी को भेजी गई है। अभी तक यूनिवर्सिटी की ओर से एलटी ग्रेड की कुल 355 फर्जी मार्कशीट्स की रिपोर्ट जेडी को भेज दी गई है।

एसके शुक्ला, एग्जाम कंट्रोलर, एलयू

इन फर्जी मार्कशीट्स से यूनिवर्सिटी की साख खराब हो रही है। हमने शासन से इस मामले की जांच एसटीएफ से कराने की मांग की है। इसके लिए दो बार शासन को लेटर भेजा जा चुका है।

प्रो। एसबी निमसे, वीसी, एलयू

अभी शासन से मामले की जांच या कार्रवाई के ऑर्डर नहीं है। एक बार वेरीफिकेशन पूरा होने के बाद हम चयन समिति में मामला रखेगे।

सुत्ता सिंह, जेडी, लखनऊ