पांच हजार ही ऑरिजिनल मेंबर हैं

अब तक एक लाख से अधिक बन चुके मेंबर्स में से पांच हजार ही ऑरिजिनल मेंबर है। रेस्ट को जो मेंबरशिप की रिसीट दी गयी है वो गलत है यानि कि उनके साथ पूरी तरह से फरेब हुआ है। इसकी खबर जब तक आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली स्थित ऑफिस तक पहुंची तब तक काफी देर हो चुकी थी।

हो गए लाखों के वारे न्यारे

पटना से लेकर 38 डिस्ट्रिक्ट तक में लाखों के वारे न्यारे कर दिए गए हैं। पटना सहित विभिन्न डिस्ट्रिक्ट में लोगों ने आप की रसीद की देखा-देखी फर्जी रसीद तैयार कर ली और जमकर लूट मचानी शुरू कर दी। राशि छोटी थी, केवल दस रुपए। इसलिए इसे  पेड करने में लोगों ने कभी सोचा भी नहीं कि इसमें गोलमाल है। उन्हें तो बस सिर्फ मेंबर बनने की ख्वाइश थी सो लोगों ने दस रुपए की रसीद कटाकर आप के मेंबर बन गए। इस तरह देखते ही देखते लोग ठगी की चपेट में आ चुके हैं। इसकी खबर अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है, तो लोगों ने आनन फानन में इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

दिल्ली से आया पांच हजार रसीद

मई 2013 में दिल्ली से पांच हजार रसीद मगध रेंज के मेंबर राजेंद्र पासवान के पास आया। दिल्ली से कहा गया था कि मगध रेंज में पडऩे वाले डिस्ट्रिक्ट में कुछ मेंबर तैयार किया जाए, इसकी राशि दस रुपए है, जिसे नए मेंबर से लेना है। राजेंद्र पासवान ने बताया कि इस रसीद को 12 डिस्ट्रिक्ट आरा, बक्सर, नालांदा, सासाराम, कैमूर, गया सहित अन्य में पांच सौ छह सौ करके बांटा गया। इसका रजिस्टर मेनटेन किया गया। इसके बाद जो भी रसीद आया उसे पटना में मेंबरशिप बनाने में यूज किया गया। कुल मिलाकर पांच हजार रसीद ही आया था।

मेंबर बने और सो गए

राजेंद्र पासवान ने बताया कि इसके बाद दिल्ली से आप पार्टी की ओर से रसीद को नहीं भेजा गया और न ही मेंबर बनाने का काम चल रहा था। आप पार्टी लगभग हर गली-नुक्कड़ पर अपने हिसाब से प्रोग्राम किया करती थी। मुश्किल से छह से सात मेंबर रहे होंगे लेकिन एक साथ किसी मंच पर पटना में भी इतने मेंबर कभी नहीं जुटे। कारगिल चौक से लेकर प्रदर्शन में भी पचास से सौ मेंबर ही आते रहे, लेकिन रजिस्टर यह बताता रहा कि आम आदमी पार्टी के पांच हजार मेंबर हैं।

7 मंथ बाद छपने लगी रसीद

आप के पुराने मेंबर डॉ। रत्नेश चौधरी ने बताया कि सात महीने तक आप पार्टी के मेंबर को कोई जानता तक नहीं था। गिने चुने मेंबर ही टोपी पहनकर सड़क पर चला कर रहे थे। लेकिन दिल्ली में जैसे ही आप की गर्मी बननी शुरू हुई कि पटना के प्रिंटिंग प्रेस में एक साथ साठ हजार रसीद छपवाया जाने लगा। नवंबर से लेकर दिसंबर तक जमकर मेंबर बनाया गया, जो अब इसकी संख्या लाखों तक पहुंच गयी है। इस दौरान पुराने मेंबर जैसे ही दिल्ली से इस संबंध में बात की और मेंबर बनाने वाली रसीद की तफतीश की तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं कि रसीद का खेल ही नकली है। क्योंकि इसमें रसीद नंबर नहीं है और पैसा कहां जा रहा है इसकी भी खबर किसी को नहीं है।

बिहार में मेंबर बनाने पर रोक

डॉ। रत्नेश चौधरी ने बताया कि इसकी खबर जैसे ही दिल्ली स्थित आप के नेताओं तक पहुंची तो वहां से कहा गया कि अब रसीद से मेंबर बनाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अब जिनको भी मेंबर बनना होगा वो ऑन लाइन अप्लाई करके ही मेंबर बन सकते हैं। पिछले तीन दिनों से तंबू लगना बंद हुआ है। इसके बाद भी बोरिंग रोड चौराहा से लेकर जगदेव पथ, गांधी मैदान, राजापुर पुल एरिया में आप के मेंबरशिप बनाने का काम चल रहा है जो पूरी तरह से गलत है।

आप का नेता कौन कोई नहीं

आप पार्टी के मेंबर तो यहां पर दिख जाएंगे लेकिन इन मेंबर्स का नेता कौन है किसकी मॉनिटरिंग में रसीद या फिर ऑन लाइन मेंबरशिप का काम चल रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। बेवसाइट के थ्रू जुड़े डॉ। दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि एक वीक के अंदर स्टेट लेवल कमेटी का गठन किया जाना है। इसके बाद ही आगे कोई काम होगा।

आप बनाएगी ऑन लाइन मेंबर

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली के आदेश के अनुसार अब हर नए मेंबर को यह बता रहे हैं कि वो ऑन लाइन ही अप्लाई करें, ताकि आपका दस रुपए सही जगह जाए। स्टेट लेवल कमेटी के गठन के साथ ही ऐसे कई सेंटर भी खोले जाएंगे जहां ऑन लाइन अप्लाई करने के बारे में बताया जाएगा। इसे पटना से निकलकर हर डिस्ट्रिक्ट में एक साथ किया जाएगा।

अन्ना और आप में जंग

दिल्ली से लेकर पटना तक में आप और अन्ना में जंग चल रही है। अन्ना के आंदोलन में उनका साथ निभाने वाले समर्थक अब आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं और पर्चा के जरिए खुद और दूसरों को भी मेंबर बनाने में जुटे हैं।

दस जनवरी से 26 जनवरी तक मेंबरशिप पूरी तरह से फ्री है। किसी को पैसे देने की जरूरत नहीं है। अब रिसीट भरने की जरूरत नहीं है। बल्कि फॉर्म भरना है और उसके बाद वो मेंबर बन पाएंगे।

नीतेश राणा

आप की ओर से बिहार में मेंबरशिप ड्राइव चलाने का दायित्व