-राप्तीनगर डिपो में आया फर्जी एमएसटी का मामला

-आरएम ने दिया जांच कर कार्रवाई करने का आदेश

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: अभी आगरा और अलीगढ़ में रोडवेज के फर्जी टिकट का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि गोरखपुर में भी फर्जी एमएसटी का मामला चर्चा में आ गया। चेकिंग के दौरान फर्जी एमएसटी मिलने पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पकड़ी गई एमएसटी परिवहन निगम के राप्तीनगर डिपो से रिचार्ज की गई थी, जबकि जुलाई से ही यहां पर रजिस्ट्रेशन और रिचार्ज बंद चल रहा है। वहीं, राप्तीनगर डिपो में इसको लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाए रहे हैं। यही नहीं एक निकाले गए कंडक्टर ने भी एआरएम को दोषी ठहराते हुए उनकी शिकायत शासन में की है। जिसके बाद जांच भी शुरू कर दी गई है।

फर्जी टिकट पर कराते थे जनरथ्ा में यात्रा
शाहपुर निवासी कंडक्टर आशुतोष कुमार सिंह ने 24 सितबंर को शासन में शिकायत कर आरोप लगाया कि फर्जी टिकट देकर लोगों को जनरथ में यात्रा कराया जाता था। इसके पैसे का बंटवारा हर दिन किया जाता था। इसका उन्होंने विरोध किया तो एआरएम मुकेश कुमार ने उनके ऊपर आरोप लगाते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया। उनका आरोप है कि इसी तरह वर्तमान में फर्जी एमएसटी का मामला प्रकाश में जिसका खुलासा पूर्व एमएसटी ऑपरेटर शुभम उपाध्याय के निकाले जाने के बाद हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि शुभम ने डिपो में तैनात एक कर्मचारी के द्वारा फर्जी स्मार्ट कार्ड व फर्जी पावती जारी कर हर दिन हजारों रुपए का गबन करने का खुलासा किया गया लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई एआरएम ने नहीं की।

लाखों का लगा रहे चूना
आशुतोष ने आरोप लगाया है कि गोरखपुर परिक्षेत्र के हर डिपो में एमएसटी घोटाला हो रहा है, इससे प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। इसके पीछे एक बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है।

जेल जाने को हो जाओ तैयार
वहीं शुभम उपाध्याय ने आरएम को लेटर लिखकर गुहार लगाई गई है कि दो फर्जी रिसीप्ट पकड़े जाने के बाद रोडवेज कर्मचारी का उनके पास एक फोन आया था कि तुम सुधरोगे नहीं तो जेल जाने को तैयार हो जाओ। जबकि उनके द्वारा मई 2018 को ही ट्राइमेक्स कंपनी के टीम लीडर को काम न करने का लिखित पत्र दे दिया गया है। उनका आरोप है कि वर्तमान में उनका फर्जी सिग्नेचर करके फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ये काम राप्तीनगर डिपो में तैनात समीर श्रीवास्तव के द्वारा किया जा रहा है। इन्हें बर्खास्त किया जाए। समीर के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वो एसटीएफ से न्याय की गुहार लगाएंगे।

जिस पर आरोप उसी के पास जांच
सुत्रों बतातें हैं कि ये पूरा मामला लगभग एक महीने से चल रहा है। अधिकारियों द्वारा इसको दबाने की भी कोशिश की गई है। जब मामला नहीं दबा तो इसमें एक ऐसे अधिकारी को जांच सौंप दी गई जिसके ऊपर इस प्रकरण में आरोप लगे हैं। इससे जांच पर प्रभाव पड़ेगा।

शुभम ने फोन से बात की थी तो मैने उससे कहा था कि वो बताए की कौन फर्जीवाड़ा कर रहा है लेकिन अभी तक वो हमारे पास नहीं आया। मैने राप्ती नगर एआरएम को इस मामले में जांच कर एफआईआर कराने को कहा है।

डीवी सिंह, आरएम