जांच माने कुछ नहीं
आरटीओ में सितम्बर 12 को एक फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। जिसमें 38 वीआईपी नंबर को फर्जी तरीके से एलॉट कर दिया गया था। खुलासे के बाद आरआई समेत आरटीओ डिपार्टमेंट के सात कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। दूसरी तरफ फर्जीवाड़े के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। इस पूरे वारदात को आठ महीने हो गए। दोनों की डिपार्टमेंट की जांच में कोई रिजल्ट नहीं आया। यहां तक की जिन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी वे भी स्टे लेकर दोबारा आरटीओ पहुंच गए और उसकी विभाग में फिर पोस्ट हो गए।

अभी और करना होगा इंतजार
फर्जी नंबर स्कैम मामले में तत्कालीन आरटीओ लक्ष्मीकांत मिश्रा पर भी दूसरे मामले में एक्शन लिया गया और उन्हें हटा दिया गया। तत्कालीन एसएसपी आशुतोष कुमार का भी ट्रांसफर हो गया, यहां तक कि कैंट इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह का भी ट्रांसफर हो गया लेकिन जांच आज तक पूरी नहीं हो सकी। संडे नाइट एसएसपी शलभ माथुर कैंट थाने पहुंचे और इस मामले की रिपोर्ट मांगी। जांच पूरी न होने पर एसएसपी ने नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द इस मामले की कार्रवाई का आदेश भी दिया।

रोड पर चल रही फर्जी गाड़ियां
स्कैम के खुलासे में 38 लग्जरी गाड़ियों के फर्जी नंबर प्रकाश में आए थे। दो-तीन गाड़ियों के पैसे दोबारा जमा हो गए, लेकिन बाकी गाड़ियों का आज तक कुछ नहीं हुआ। आज भी वह फर्जी तरीके से रोड पर दौड़ रही है और उनके खिलाफ पुलिस और आरटीओ एक्शन नहीं ले रहा है।

मामले की जांच चल रही है। जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी।
सुधाकर सिंह, इंस्पेक्टर कैंट

 

report by : kumar.abhishek@inext.co.in