Lucknow: राजधानी में 19 फरवरी को चुनाव होना है। चुनाव आयोग ने उन कर्मचारियों को वोटिंग करने का मौका दिया है जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगायी गयी है। यह वोटिंग शनिवार को भारी अफरातफरी के बीच की गई। जिन लोगों को वोट डालने के नियम सिखाये जा रहे थे वही लोग जब खुद वोटिंग कर रहे थे तो नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रहीं थीं.
इलेक्शन गोपनीय होता है। लेकिन यहां न सिर्फ खुलेआम वोटिंग की जा रही थी बल्कि एक एक कर्मचारी पांच-पांच लोगों के बैलेट पेपर समेटे बैलेट बाक्स में डालने की कोशिश कर रहा था। वजह थी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना.
भारी अफरा तफरी के बीच सिर्फ 1180 वोट ही पड़ सके और विरोध के बाद वोटिंग रोक दी गयी.  राजधानी की नौ एसेंबली सीटों पर 211 कैंडीडेट मैदान में हैं। चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने और अपने अपने विधान सभा क्षेत्रों के कैंडीडेट को वोट करने के लिए शनिवार को कानपुर रोड स्थित सीएमएस कालेज में व्यवस्था की गयी थी। पोलिंग पार्टियों में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग की ओर से कर्मचारियों को वोट देना अनिवार्य बताया गया था। वोट न करने वाले कर्मचारियों को अबसेंट मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर की बात की गयी थी.
आयोग का था खौफ
 सूत्रों की मानें तो ट्रेनिंग में 1120 पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी जानी थी। हर पोलिंग पार्टी में चार-चार कर्मचारी हैं। यानी कुल लगभग साढ़े चार हजार कर्मचारियों को पहले ट्रेनिंग लेनी थी और फिर पोस्टल बैलेट पेपर के थ्रू वोट करना था। लेकिन यहां दोनों काम साथ में किया जा रहा था। अव्यवस्था का आलम यह था कि अलग अलग विधान सभाओं के लिए अलग व्यवस्था नहीं की गयी थी। आयोग के खौफ से वोट डालने की होड़ सभी में थी.
ऐसे कर्मचारियों ने वोट करना सुनिश्चित करने के लिए दूसरे कर्मचारियों को अपना फार्म 12 भरने के बाद सौंप दिया। दूसरे शब्दों में अपने वोट देने का पावर दूसरे कर्मचारियों को दे दिया। वोटिंग की प्रक्रिया शुरु होते ही कर्मचारियों में वोट डालने की होड़ मच गयी। अबसेंट साबित होने के डर से एक दूसरे कर्मचारियों ने आपस में मदद भी की। यह बात कुछ कर्मचारियों को नागवार गुजरी जिसकी शिकायत भी की गयी है।
इतना सब होने के बाद भी 9 विधान सभा क्षेत्रों को चुनने के लिए कुल 1180 वोट ही पड़ सके। इसमें सबसे ज्यादा लखनऊ मध्य विधान सभा सीट पर 262 वोट डाले गये। पश्चिम में 120, सरोजनीनगर में 134, उत्तर में 168, कैंट में 103, मोहनलालगंज में 82, मलिहाबाद में 38, और बीकेटी में 152 वोट पड़े।
हाल के आधे हिस्से में 9 विधान सभा क्षेत्रों की वोटिंग
एक वोट पडऩे में कम से कम दो से ढाई मिनट लगता है। लेकिन यहां न साढ़े चार हजार वोटर की वोटिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। सीएमएस के हाल के आधे हिस्से में वोटिंग करायी जा रही थी। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। कई कर्मचारियों ने वहां मौजूद अधिकारियों से इस तरह की खुली वोटिंग पर आपत्ति भी जताई.
13 और 14 को भी ट्रेनिंग और वोटिंग
चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को वोटिंग करने का एक और मौका दिया गया है। सीएमएस डिग्री कालेज में 13 और 14 फरवरी को भी ट्रेनिंग और पोस्टल बैलेट के थ्रू अपने वोट के पावर का इस्तेमाल कर्मचारी कर सकेंगे। इसके लिए नौ बूथ बनाये गये हैं। जहां अलग-अलग विधान सभावार वोटिंग करायी जाएगी।

कर्मचारियों के लिए पोस्टल बैलेट वोटिंग भी उसी तरह से की जाती है जैसे सामान्य वोटिंग होती है। इसमें भी गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाता है और हर वोट की पूरी जांच की जाती है। इस तरह की शिकायत हमारे संज्ञान में नहीं आयी है, अगर ऐसी कोई शिकायत मिली तो जरुर कार्रवाई की जाएगी.
ओपी आर्या
एडीएम प्रशासन
Reported By : Yasir Raza