एजुकेशन माफिया माफियाओं ने पूरे एजुकेशन सिस्टम को खोखला कर दिया है। ताजा मामले में इन चालबाजों ने टीईटी (टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट) में फेल हुए स्टूडेंट्स को टारगेट बनाया। टीईटी की ऑफिशियल वेबसाइट की मार्फिंग की और हू-ब-हू फेक साइट बना डाली। ये फेक साइट इन स्टूडेंट्स को अच्छे माक्र्स से पास शो कर रही है। यही नहीं उन्हें नौकरी दिलाने के झूठे आश्वासन दिये जा रहे हैं और उनसे अच्छी-खासी रकम भी वसूल की गई है। टीईटी में तरह-तरह की गड़बडिय़ों के बारे में आई नेक्स्ट ने पहले भी आपको बताया है मगर इस तरह के खेल ने तो पूरे सिस्टम को ही बेनकाब कर दिया है।

हूबहू वेबसाइट

टीईटी के लिए जिस तरह से यूपी बोर्ड ने वेबसाइट डिजाइन किया है। ठीक उसी तरह से डुप्लीकेट साइट को भी डिजाइन किया गया है। जिस तरह से ऑफिशियल वेबसाइट पर रोल नंबर डालने पर रिजल्ट शो हो रहा है उसी तरह फेक साइट पर भी रिजल्ट दिख रहे हैं। फेक साइट के रिवाइज्ड रिजल्ट सेक्शन में रोल नंबर डालने पर स्टूडेंट आश्चर्यजनक ढंग से अच्छे माक्र्स से पास दिखाया जा रहा है जबकि ऑफिशियल वेबसाइट में वही स्टूडेंट फेल है।

जिसने पैसा दिया वही पास

मजे की बात ये है कि इसमें भी उन्हीं स्टूडेंट्स का रिजल्ट शो हो रहा है जिन्होंने पैसे दिये हैं या यूं कहें कि इस नेक्सस में शामिल हैं। जिन्होंने अभी तक धंधेबाजों को पैसा नहीं दिया है, उनके रोल नंबर डालने पर साइट हैंग हो जा रही है। यहां तक कि होम पेज भी नहीं ओपेन हो रहा है। लगातार कई बार ट्राई करने पर भी इसका कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। पैसा न देने वालों का रोल नं। डालने पर अगर रिजल्ट शो भी हो रहा है तो उसका रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट के रिजल्ट की तरह ही है. 

नहीं हुआ रिवाइज

ऑफिसियल साइट लगभग डेली रिवाइज हो रही है, वहीं फेक साइट 14 दिसंबर के बाद रिवाइज ही नहीं हुई है। इसके पीछे एक्सपर्ट का मानना है कि डाटा मिसिंग के चलते फेक साइट को रिवाइज नहीं किया जा रहा है। मास्टर माइंड को डर है कि रिवाइज करने पर कहीं डाटा मिसप्लेस न हो जाए। यही वजह है कि फेक वेबसाइट को रिवाइज नहीं किया जा रहा है।

पांच लाख रुपये में खेल

फेल कैंडिडेट्स को पास कराने के बदले पांच लाख रुपये लिए जा रहे हैं। शुरुआत में कैंडिडेट्स से 50 परसेंट जमा कराया जा रहा है। शेष रुपये मामला फिट हो जाने पर लिया जाएगा। पैसा लेने वाले यहां तक भरोसा दिला रहे हैं कि कुछ दिनों बाद ओरिजनल साइट में भी डाटा फीड करा दिया जाएगा। बहरहाल उनका यह दावा कहां तक सच होगा, यह देखने की बात है। फिर भी धंधा करने वाले अपने मकसद में कामयाब तो ही गए हैं।

द डिफरेंसेज

ऑफिशियल वेबसाइट में 'परीक्षा परिणामÓ सेक्शन में रिजल्ट शो कर रहा है जबकि हैक्ड वेबसाइट में 'रिवाइज्ड रिजल्ट' रोल नंबर डालने पर रिजल्ट शो कर रहा है।

ऑफिशियल वेबसाइट में बैकस्पेस स्ट्रोक करने पर साइट बैक हो जा रही है जबकि फेक साइट में रिजल्ट पॉप-अप में शो कर रहा है।

ऑफिशियल साइट लगभग डेली अपडेट हो रही है, जबकि फेक साइट 14 दिसम्बर के बाद से अपडेट नहीं हो रही है।

ऑफिशियल साइट में सभी रोल नंबर डालने पर रिजल्ट शो कर रहा है जबकि फेक साइट में केवल नेक्सस में शामिल स्टूडेंट्स का रोल नंबर डालने पर ही रिजल्ट दिखा रहा है।

आफिशियल साइट में ओरिजनल माक्र्स दिखा रहा है जबकि फेक साइट में अधिकतर स्टूडेंट्स के माक्र्स 80-85 परसेंट तक हैं।

Official Website

www.uptet2011.com

Fake Website

www.uptet2011results.com