-धड़ल्ले से चल रही हैं आरआरबी अजमेर की फेक वेबसाइट्स

-रेलवे प्रशासन नहीं कर रहा कोई कार्रवाई

-दिल्ली के पते से रजिस्टर्ड हैं वेबसाइट

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW: अगर आपके मेल पर रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की ओर से कोई मेल आये या फिर कोई जालसाज आपको नौकरी दिलाने के नाम पर विश्वास जमाने के लिये रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की वेबसाइट पर आपका रिजल्ट दिखाये तो सावधान हो जाइये, क्योंकि यह वेबसाइट फेक भी हो सकती है। हाल ही में एसटीएफ ने एक ऐसे ही जालसाज को अरेस्ट किया जो आरआरबी भोपाल की फर्जी वेबसाइट संचालित करते हुए बेरोजगारों का चूना लगा रहा था। एसटीएफ के इस खुलासे के बाद आईनेक्स्ट ने भी साइबर व‌र्ल्ड में ऐसी वेबसाइट्स की पड़ताल की। पड़ताल के दौरान पता चला कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड अजमेर की फेक वेबसाइट धड़ल्ले से संचालित की जा रही है। लेकिन न तो रेलवे प्रशासन और न ही पुलिस इस ओर कोई ध्यान दे रही है।

जयपुर के पते से रजिस्टर्ड हैं फेक वेबसाइट्स

आई नेक्स्ट ने साइबर एक्सपर्ट और एथिकल हैकर सुमित सिंह को इस वेबसाइट की पड़ताल में जुटाया। railway recruitment board ajmer की यह वेबसाइट जिसका डोमेन नेम rrbajmer.org है, 5 फरवरी 2003 से संचालित की जा रही है। 10 साल बीतने के बाद इस वेबसाइट को बीती 5 फरवरी को फिर से अपडेट कराया गया है। यह वेबसाइट ओन्टेरियो कनाडा से रजिस्टर्ड है। इस वेबसाइट को रजिस्टर्ड करवाने वाले जालसाज का नाम अमरीश मेथी और पता ए-595, गोविंद मार्ग, मालवीय नगर, जयपुर अंकित है। पते के साथ ही उस जालसाज ने अपना टेलीफोन नंबर 0141-5127146 भी अंकित कराया हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि 11 साल से संचालित हो रही इस फर्जी वेबसाइट में जालसाज के बारे में इतनी डिटेल दर्ज होने के बावजूद न तो पुलिस और न ही रेलवे प्रशासन ने इसके खिलाफ अब तक कोई कदम उठाया।

ऐसे होती है जालसाजी

स्टेप-1

फेक वेबसाइट के जरिए गवर्न किये जाने वाले इस फर्जीवाड़े की शुरुआत फॉर्म की दुकानों के जरिए होती है। इन दुकानों में जॉब वेबसाइट का हवाला देते हुए 3 से पांच रुपये कीमत के फॉर्म बेचे जाते हैं। इन फॉ‌र्म्स में फर्जी वेबसाइट का लिंक देते हुए उन पर ऑनलाइन अप्लाई करने की हिदायत दी जाती है।

स्टेप-2

फर्जी वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई करने के कुछ दिनों बाद ही शुरु हो जाता है अभ्यर्थियों से वसूली का खेल। डिटेल हासिल होते ही जालसाज इन अभ्यर्थियों से फोन कर उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं और उनसे वसूली की बात शुरू हो जाती है। इस दौरान उन्हें झांसा दिया जाता है कि नौकरी प्राप्त करने के लिये उन्हें परीक्षा देने की भी जरूरत नहीं।

स्टेप-3

रकम की बात तय हो जाने पर अभ्यर्थियों से एडवांस की रकम दिये गए बैंक अकाउंट में जमा कराई जाती है और इसके बाद विश्वास जमाने के लिये फर्जी वेबसाइट पर परीक्षा का रिजल्ट दिखा दिया जाता है। इस रिजल्ट में अभ्यर्थी को उत्तीर्ण दिखाया जाता है और उसे इंटरव्यू में पास कराने के नाम पर बकाया रकम की वसूली की जाती है। रकम जमा होते ही जालसाज का फोन उठना बंद हो जाता है।

मुजफ्फरपुर में हो चुका है फर्जीवाड़ा

ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरपुर में 2011 में सामने आ चुका है, जिसमें परीक्षार्थियों से आरआरबी की फर्जी वेबसाइट के जरिये रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये ऐंठने का मामला सामने आया था। जिस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तीन आरोपियों को अरेस्ट किया था।

फे क और असली वेबसाइट में अंतर

साइबर एक्सपर्ट सुमित सिंह ने बताया कि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की जितनी भी वेबसाइट हैं उनका सर्वर सेंट्रल गवर्नमेंट के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अधीन आने वाला nic होस्ट करता है। इसलिये फेक वेबसाइट का पता लगाने के लिये सबसे सरल तरीका यह है कि इन वेबसाइट्स के यूआरएल में आखिरी में nic.in या gov.in जुड़ा होता है। रेलवे के अलावा गवर्नमेंट के अन्य किसी भी डिपार्टमेंट की वेबसाइट के यूआरएल के आखिरी में भी nic.in या फिर gov.in जुड़ा होता है।

facts of rrbajmer

Domain Name:RRBAJMER.ORG

Domain ID: D94411605-LROR

Creation Date: 2003-02-05

Updated Date: 2014-02-05

Registry Expiry Date: 2015-02-05

Registrant Name:amrish methi

Registrant Organization:ss compusoft

Registrant Street: a-595,govind marg,malviya nagar

Registrant City:jaipur

Registrant State/Province:rajasthan

Registrant Postal Code:302017

Registrant Country:IN

Registrant Phone:+91-1415127146

'रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड, अजमेर की फेक वेबसाइट संचालित होने का मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है। लखनऊ साइबर क्राइम सेल बोर्ड को पत्र भेजकर उन्हें इस बारे में अवगत करायेगा और फिर उनकी ओर से शिकायत प्राप्त होते ही इसकी गहनता से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.'

दिनेश यादव

एसपी/पर्यवेक्षण अधिकारी

साइबर क्राइम सेल, लखनऊ