- बिलकुल असली सी दिखने वाली वेबसाइट्स पर तमाम पदों के लिये ऑफर

- रोजाना हजारों बेरोजगार हो रहे ठगी का शिकार, रेलवे व पुलिस मौन

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LUCKNOW: सीबीआई ने सोमवार को रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर भोले-भाले लोगों को ठगने वाले आठ जालसाजों को अरेस्ट किया। इसे बड़ी कार्रवाई माना गया और इसे जालसाजों की कमर तोड़ने वाली कार्रवाई बताया गया। पर, साइबर स्पेस में अब भी रेलवे में नौकरियां दिलाने का दावा करने वाली कई ऐसी फर्जी वेबसाइट्स धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं जिन पर नकेल कसना बेहद जरूरी है। आशंका है कि इन फर्जी वेबसाइट्स के जरिये रोजाना हजारों बेरोजगार ठगे जा रहे हैं, लेकिन रेलवे और पुलिस इस पर पूरी तरह मौन हैं।

हर तरह के पद का ऑफर
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड सिलिगुड़ी नाम से वेबसाइट का संचालन धड़ल्ले से जारी है। rrbsiliguri.org वेब एड्रेस से साइबर स्पेस में उपलब्ध इस वेबसाइट में असली वेबसाइट की तरह होम, अबाउट अस, इंप्लायमेंट न्यूज, ऑनलाइन एप्लीकेशन व कान्टैक्ट अस समेत तमाम सेक्शन दिये गए हैं। इस वेबसाइट में इंप्लायमेंट न्यूज सेक्शन में क्लिक करते ही तमाम इंप्लायमेंट नोटिस सामने आ जाती हैं। इन नोटिसों में असिस्टेंट लोको पायलट, टेक्निशियन ग्रेड-2, टेक्निशियन ग्रेड-3 समेत तमाम नौकरियों के विज्ञापन दिये गए हैं। इसी तरह एक दूसरी वेबसाइट 'रेलवे रिक्रूटमेंट सेल' भी धड़ल्ले से संचालित हो रही है। जिसके वेब एड्रेस rrcer.com को देख साफ पता चलता है कि इसका रेलवे से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, इन दोनों ही वेबसाइट्स पर किसी का ध्यान नहीं गया है।

प्राइवेट सर्वर पर हैं होस्ट
साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता ने बताया कि रेलवे या अन्य विभागों की वेबसाइट्स एनआईसी के सर्वर पर होस्ट होती हैं। लेकिन, ये दोनों ही वेबसाइट प्राइवेट सर्वर पर होस्ट हैं। इससे साफ पता चलता है कि ये दोनों फर्जी वेबसाइट हैं और इनका रेलवे से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि इस तरह की वेबसाइट से आम लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है

 

इस तरह जांचें असली-नकली
साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता ने बताया कि केंद्र या राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट को जांचना बेहद आसान है। जिन भी वेबसाइट के एड्रेस के आखिर में nic.in या gov.in होता है, इसका मतलब है कि यह वेबसाइट सरकारी सर्वर पर होस्ट हैं यानि, यह उस विभाग की असली वेबसाइट है। वहीं, जिस वेबसाइट के वेब एड्रेस के आखिरी में .com या .org.in तो इसका साफ मतलब है कि यह प्राइवेट सर्वर पर होस्ट है, गौरतलब है कि सरकारी वेबसाइट प्राइवेट सर्वर पर होस्ट नहीं होतीं।

फर्जी वेबसाइट के बारे में शिकायत अब तक नहीं मिली है। आज ही इस बारे में जानकारी मिली है, जांच कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
अभय मिश्र, नोडल ऑफिसर, साइबर क्राइम सेल