RANCHI : धनबाद जिला स्थित तोपचांची के थानेदार उमेश कच्छप की थाने में फंदे से झूलती लाश मिलने के बाद परिजनों का गुस्सा थम नहीं रहा है। रविवार को परिजन समेत बड़ी संख्या में लोगों ने शव के सीएम आवास का घेराव किया। इस दौरान वे बीच सड़क पर बैठ गए, जिससे आवागमन बाधित रहा। इस दौरान उमेश कच्छप की भाभी नंदी कच्छप, कांके जिप सदस्य अनिल टाइगर, सरना समिति के राजीव टोप्पो समेत सात लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार से मिलकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि मृतक की पत्नी को मुख्यालय में नौकरी देने और दस लाख रुपए मुआवजा भी दिया जाए।

तीन पुलिस अधिकारी लाइन हाजिर

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने कहा कि थानेदार उमेश कच्छप की मौत मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। इस मामले में तीन अधिकारियों को पुलिस लाइन हाजिर किया गया है, जिनमें डीएसपी नजरूल होदा, इंस्पेक्टर डीके मिश्रा और एआइ एसके रजक शामिल हैं।

इसी महीने किया था ज्वाइन

उमेश कच्छप के भतीजे विपिन कच्छप ने बताया उन्होंने इसी महीने बतौर थानेदार तोपचांची में योगदान दिया था। इससे पहले वे एसटीएफ में थे। वे राजगंज थाना क्षेत्र में ट्रक पर हुई फायरिंग मामले की जांच कर रहे थे। हालांकि, यह घटना उनके थाना क्षेत्र का नहीं था, फिर भी जबरन उनके थाना में मामला दर्ज कराया गया। जांच को लेकर उनपर काफी दबाव बनाया जा रहा था। एफआइआर दर्ज करने से पहले भी उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी।

पोस्टमार्टम के वक्त नहीं थे डीएसपी

विपीन ने बताया कि उमेश कच्छप की मौत की जानकारी परिजनों को शनिवार की सुबह साढे़ पांच बजे दी दी गई। जब परिजन तोपचांची थाना पहुंचे तो शव को फंदे से उतार लिया गया था। घंटों तक इस मामले की जांच की गई। जब शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा था तो वहां न तो डीएसपी मौजूद थे और न ही संबंधित थाने के थानेदार। ऐसे में इस मामले में कहीं न कहीं उनकी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।

आत्महत्या नहीं हत्या है

पुलिस अधिकारी उमेश कच्छप की पत्नी चंद्रमणि दावा का कहना है कि उनके पति ने सुसाइड नहीं की है, बल्कि साजिश के तहत उनकी हत्या की गई है। वे एक मामले की जांच कर हे थे, जिसमें उन्हें बार-बार जान से मारने की धमकी मिल रही थी। उन्होने कहा था कि उनकी जान को खतरा है। इस वजह से वे परेशान रह रहे थे। इसी वजह से थाने में उनकी संदिग्ध हालात में लाश पाई गई।

जांच के लिए बनी टीम, एक सप्ताह में देगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर पुलिस अधिकारी उमेश कच्छप मौत मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। सीनियर आईएएस सुरेंद्र सिंह मीणा और सीआईडी के एडीजी अजय कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसके बाद भी मामला स्पष्ट नहीं होता है तो हाई लेवल कमिटी बनाकर जांच कराई जाएगी। इस जांच से धनबाद के एसपी को अलग रखा गया।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

रविवार को पुलिस अधिकारी उमेश कच्छप का नगड़ी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले उनकी शव यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी।

एक हफ्ते में नहीं पकड़े गए हत्यारे तो रांची बंद

सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि पुलिस अधिकारी मौत मामले में अगर एक सप्ताह के अंदर दोषी नहीं पकड़े गए तो वे रांची बंद बुलाएंगे। उन्होंने जांच के लिए बनाई गई टीम पर भी आपत्ति जताई।

अर्जुन ने कहा, हो सीआईडी जांच

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर तोपचांची थानेदार उमेश कच्छप की मौत मामले की सीआईडी अथवा एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने भी कहा कि वे भी सरकार में रह चुके हैं। वे इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि ऐसे मामलों में सिर्फ खानापूर्ति के लिए जांच होती है। इसलिए, इस मामले की सीआईडी से जांच कराई जाए।