बेटियों की गला घोटने से हुई थी मौत, गले की टूटी मिली हड्डी

पोस्टमार्टम के दौरान शवों की हालत देख सकते में आए डाक्टर्स

ALLAHABAD: पीपल गांव में संगीता उर्फ श्वेता और तीन मासूम बेटियों की हत्या करने वाले मनोज कुशवाहा की दरिंदगी और सनकीपन का असर मंगलवार को शवों के पोस्टमार्टम के दौरान देखने को मिला। इसे देखकर पोस्टमार्टम कर रहे डाक्टर्स भी सकते में आ गए। मंगलवार की शाम जब डाक्टरों ने पोस्टमार्टम शुरू किया तो वह भी शवों की हालत देखकर हैरान हो गए। मनोज ने सभी का गला घोटकर हत्या की थी। सबसे बड़ी बेटी सृष्टि की हत्या के दौरान इस कदर गर्दन दबाया था कि उसके गले की हड्डी तक टूट गई। इस कदर एक पिता का सनकीपन देखकर डाक्टरों की रूह भी कांप उठी।

लाठी या रॉड का किया था इस्तेमाल

मंगलवार को देर शाम पांचों शवों का पोस्टमार्टम हुआ। डाक्टर्स की टीम ने जब मनोज की बेटी सृष्टि का पोस्टमार्टम शुरू किया तो देखा कि उसकी गले की हड्डी टूटी थी। जिसको देखकर डाक्टरों ने यह अंदेशा लगाया कि मनोज ने बच्चों का गला घोंटने में सिर्फ हाथ ही नहीं बल्कि लाठी या रॉड का सहारा भी लिया था। इतना ही नहीं, सांस रोकने के लिए एक हाथ उनके मुंह और नाक पर दबाया था। जिससे दम घुटने से उनकी मौत हो जाए। यही कारण था कि तीनों बेटियों सृष्टि, श्रेया और शिवानी के ओठ पूरी तरह काले पड़ गए थे। जिसको लेकर कल से लोग जहर खिलाने की बात को लेकर शंका जाहिर कर रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर, नशीला पदार्थ आदि दिए जाने की पुष्टि नहीं हुई।

पत्‍‌नी के शरीर पर मिले चोट के निशान

बच्चियों के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद डाक्टरों ने मनोज की पत्‍‌नी संगीता उर्फ श्वेता के शव का पोस्टमार्टम शुरू किया। श्वेता के शरीर पर डाक्टरों को चोट के कई निशान मिले। जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि हत्या के पहले मनोज और उसकी पत्‍‌नी श्वेता के बीच मारपीट हुई थी। श्वेता की मौत का कारण भी गला दबाने से होने की बात सामने आयी। डाक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या दोपहर एक बजे के आसपास होने का अनुमान है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात की भी पुष्टि हुई कि खाना खाने के बाद ही सभी की हत्या की गई। पोस्टमार्टम के दौरान पेट में खाने के अंश मौजूद दिखे। खाना जरा भी नहीं पचा था। मतलब खाने के तुरंत बाद मौत दी गई। पांचों शवों का पोस्टमार्टम डा। सुधीर कुमार और डॉक्टर अभिमन्यु कुमार ने किया।