-राजघाट एरिया के हसनगंज मोहल्ले की घटना

-सूदखोरों से परेशान चल रहे थे बिजनेसमैन रमेश

GORAKHPUR:

बिजनेस में लगातार हो रहे घाटे और उधार देने वालों के तकादे से तंग बिजनेसमैन ने पत्नी, दो बेटियों और बेटे संग खुदकुशी कर ली। परिवार के सदस्यों के जहरीला पदार्थ खाने के बाद व्यापारी ने डोमिनगढ़ के पास ट्रेन के सामने छलांग लगाकर जान गंवाई। घटना रविवार सुबह राजघाट एरिया के हसनगंज मोहल्ले में हुई। एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत से शहर में सनसनी फैल गई।

मेयर सीताराम जायसवाल, विधायक विपिन सिंह, एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता, एसपी आदित्य वर्मा, सीओ वीपी सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अजीत कुमार सिंह सहित पुलिस-प्रशासन के कई अधिकारी और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। फारेंसिक टीम ने कमरे में मिली जहरीली पदार्थ की पुडि़या, कटोरे में पड़े लाल घोल के अतिरिक्त कई चीजों का सैंपल जांच के लिए कलेक्ट किया। एसएसपी ने कहा कि परिवार के सदस्य बिछौने पर डेड पाए गए। पेट दर्द की शिकायत करने वाली परिवार की युवती की मौत मेडिकल कॉलेज में हुई। बिजनेस खराब होने से परिवार पर काफी कर्ज था। घर में मिली संदिग्ध चीजों का सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा गया है।

बेटी के शोर मचाने पर हुइर् जानकारी

लालडिग्गी, हसनगंज मोहल्ला निवासी रमेश गुप्ता महेवा मंडी में गुड़ और तिलहन का बिजनेस करते थे। पत्नी सरिता (40), बेटी रचना उर्फ लवली (20), छोटी बेटी पायल गुप्ता (16) और बेटे आयुष गुप्ता (12) के साथ पैतृक मकान की दूसरी मंजिल पर रहते थे। जबकि, बड़ा बेटा रजत उर्फ सोनू महेवा में दुकान के पास किराए पर कमरा लेकर रहता है। रविवार सुबह करीब सवा आठ बजे रमेश घर से कहीं निकल गए। परिवार के अन्य सदस्य कमरे में सो रहे थे। साढ़े आठ बजे बड़ी बेटी रचना पेट में दर्द की बात कहकर चिल्लाते हुए बाहर निकली। उसने फ‌र्स्ट फ्लोर पर रहने वाले चचेरे भाई राजकुमार की पत्नी रूपा को आवाज दी। बताया कि जहर खाने से तबियत खराब हो गई। हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज भेज दिया। उधर, कमरे में जाने पर मालूम हुआ कि सरिता, पायल और आयुष बिस्तर पर डेड मिले।

पिता की सूचना पर घर पहुंचा बेटा, कोहराम

घटना के समय बड़ा बेटा रजत उर्फ सोनू परिचित जनार्दन मद्धेशिया की गीडा स्थित राइस मिल पर गया था। करीब आठ बजकर 40 मिनट पर पिता ने दोस्त के मोबाइल पर फोन करके कहा कि जल्दी से घर पहुंचो। वहां सबकी तबियत काफी खराब है। घर आने पर मालूम हुआ कि पिता के अलावा अन्य लोगों की जान जा चुकी है। कुछ देर बाद डोमिनगढ़ रेलवे ट्रैक पर एक अधेड़ की डेडबॉडी मिली। उसने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी थी। बाद में मृत व्यक्ति की पहचान रमेश गुप्ता के रूप में हुई। पिता, मां, भाई और बहनों की मौत के सदमे में रजत को काठ मार गया।

रोजाना तकादे के अपमान में गई पांच की जान

नमकीन की फैक्ट्री चलाने वाले रमेश गुप्ता की सामाजिक हैसियत ठीक थी। फैक्ट्री में घाटा लगने के बाद परिवार की माली खराब होती चली गई। किसी तरह रमेश ने महेवा मंडी में नई दुकान खोल ली थी। लेकिन रुपए के अभाव में बिजनेस परवान नहीं चढ़ पा रहा था। इस चक्कर में रमेश और उनके बेटे रजत ने चार-पांच ट्रेडर्स से करीब आठ लाख रुपए का कर्ज ले लिया। कर्ज की देनदारी का तगादा रोज होने से वह परेशान हो गए। कर्ज चुकाने के लिए रजत ने बैंक से 15 लाख रुपए लोन का आवेदन किया था। मंगलवार तक उनको बैंक से रुपए मिलने की उम्मीद थी। इसलिए रमेश कर्ज चुकाने के लिए एक हफ्ते का समय भी मांग रहे थे। उनके रिक्वेस्ट करने के बावजूद उधार देने वाले लोग रोजाना घर से लेकर दुकान तक बकाया मांगने पर अपमानित करते थे। दो दिन पहले रमेश के बड़े भाई की बेटी की शादी थी। ब्याज पर रुपए देने वाले सूदखोरों ने कर्ज लौटाने के लिए रमेश को काफी प्रताडि़त किया। इससे वह काफी परेशान हो गए। आशंका है इसी वजह से उन्होंने परिवार संग जहर खाकर खुदकुशी करने का फैसला कर लिया।

तीन दिन से बंद थी दुकान, दो दिन पहले आया जहर

पुलिस का कहना है कि परिवार के लोगों ने जहर खाकर जान दी है। कमरे के भीतर एक पुडि़या में रखा जहरीला पदार्थ मिला। रमेश के मकान के तंगहाल कमरे के छोटे से किचन में कप और गिलास में लाल रंग का लिक्विड पड़ा था। गंभीर हाल में मेडिकल कॉलेज भेजी गई बेटी रचना उर्फ लवली के बयान के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि दो दिन पहले घर में जहर आ गया था। रात में नौ बजे के बाद परिवार के लोगों ने एक राय होकर हाथ पर जहर रखकर फांक लिया। रमेश ने जहर खाया या नहीं इस बारे में कोई जानकारी देने के पहले रचना की जान निकल गई। रमेश के बेटे रजत ने पुलिस को बताया कि रुपए का इंतजाम करने के चक्कर में करीब एक हफ्ते से दुकान डिस्टर्ब थी। तीन-चार दिनों से दुकान पर कोई नहीं जा रहा था। शनिवार रात भी रजत और रमेश के बीच करीब आठ बजे बात हुई, जिसमें फैसला हुआ था कि कर्जा देने वालों से मंगलवार तक का समय मांग लिया जाए। रजत ने पुलिस को बताया कि कुल करीब आठ लोगों की देनदारी उनके सिर पर थी। बिजनेस में घाटा लगने पर सारा कर्ज बढ़ता चला गया।