सामने आ गई सच्चाई, 11 ब्लॉकों में नहीं हुई एक भी पुरुष नसबंदी

-जागरुकता फैलाने में फेल साबित हुआ है स्वास्थ्य विभाग

ALLAHABAD: जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का ढोल पीट रहा स्वास्थ्य विभाग पुरुष नसबंदी में फिर फिसड्डी साबित हुआ है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के फ‌र्स्ट क्वॉर्टर रिपोर्ट में जिले के ग्यारह ब्लॉकों में पुरुष नसबंदी का खाता ही नहीं खुल सका है। रिपोर्ट आने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। संबंधित ब्लॉकों के स्वास्थ्य कर्मियों को लक्ष्य प्राप्ति में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि वर्तमान में 10 से 24 जुलाई के बीच जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

इन ब्लॉकों में नहीं हुई एक भी नसबंदी

पुरुष नसबंदी को लेकर लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा है। शहर से लेकर गांव तक कैंप लगाकर पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जा रहा है लेकिन धरातल पर इस कवायद का कोई परिणाम नजर नहीं आ रहा। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के अप्रैल से लेकर जून के बीच चाका, करछना, कोरांव, मांडा, मेजा, फूलपुर, प्रतापपुर, रामनगर, सैदाबाद, शंकरगढ़ व सोरांव में एक भी पुरुष नसबंदी का केस नहीं हुआ। इसे विभाग का बड़ा फेल्योर माना जा रहा है।

महज एक फीसदी में सिमटे

इस साल इलाहाबाद को पुरुष नसबंदी में 2732 केस का लक्ष्य दिया गया है। इसमें से शुरुआती तीन माह में महज 1.3 फीसदी हासिल हुआ। बाकी लक्ष्य अगले नौ महीने में प्राप्त करना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। कुल 36 केस में अकेले डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 24 केस हैंडल किए गए हैं। बाकी 12 मामले अन्य बीस ब्लॉक में हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि गांव में घर-घर जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को पुरुष बैरंग वापस कर रहे हैं। बदले में महिलाएं जरूर नसबंदी के लिए तैयार हो जाती हैं।

फैक्ट फाइल

2732 इस साल पुरुष नसबंदी का कुल लक्ष्य

1.3 फीसदी शुरुआती तीन माह में प्राप्त लक्ष्य

36 कुल की गई पुरुष नसबंदी

11 ब्लॉक में नहीं खुला खाता

24 डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हुई नसबंदी

लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। सभी आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि अधिक से अधिक पुरुष नसबंदी कराई जाए। उनको प्रेरित भी किया जाए।

-वीके सिंह, डीपीएम, एनएचएम