केदारनाथ सिंह का जन्म

केदारनाथ सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया में हुआ था। उनकी हाई स्कूल से लेकर एमए तक की शिक्षा बनारस में हुई। 1964 में उन्होंने ‘आधुनिक हिंदी कविता में बिंब विधान’ विषय पर पीएचडी की। बता दें कि वह छात्र जीवन से ही कविता लिखने के बहुत शौकीन थे। उनका पहला कविता संग्रह 'अभी बिल्कुल अभी' साल 1960 में प्रकाशित हुआ था।

अपनी कविताओं व प्रशंसकों की यादों में जिंदा रहेंगे कवि केदारनाथ सिंह,ऐसे बीती उनकी जिंदगी

टीचिंग करियर की शुरुआत

केदारनाथ सिंह ने अपने टीचिंग करियर की शुरुआत उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी से की थी। इसके बाद उन्होंने सेंट एंड्रयूज कॉलेज, गोरखपुर और उदित नारायण कॉलेज, पडरौना में भी छात्रों को पढ़ाया। बताया जाता है कि साल 1976 से 1999 तक उनहोंने जेएनयू के भारतीय भाषा केंद्र में पढ़ाया और बाद में भी वे प्रोफेसर एमिरेट्स के तौर पर वहां से जुड़े रहे। इसके अलावा इसी बीच यानी साल 1989 में उनकी कृति ‘अकाल में सारस’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

उनको सम्मानित किया गया

केदारनाथ सिंह को मध्य प्रदेश का मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, केरल का कुमारन अशान सम्मान, बिहार का दिनकर सम्मान और उत्तर प्रदेश का भारत भारती सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें प्रतिष्ठित व्यास सम्मान और ज्ञानपीठ सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। इकहा जाता है कि उन्हें साहित्य अकादमी ने अपना महत्तर सदस्य बनाकर सम्मानित किया था।

उनकी प्रमुख कविता संग्रह

अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो, बाघ, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएं, तालस्ताय और साइकिल उनके प्रमुख कविता संग्रहों में एक हैं। बता दें कि केदारनाथ सिंह की साहित्यिक यात्रा पर के बिक्रम सिंह ने एक फिल्म भी बनाई थी।

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