भुवनेश्वर (रॉयटर्स)। ओडिशा में शुक्रवार को पुरी के आसपास के तटीय इलाकों में शक्तिशाली फेनी चक्रवात ने लोगों को दहलाकर रख दिया। इसके कारण तटीय इलाकों में मूसलाधार बारिश और 200 किलोमीटर प्रति घंटे (124 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से हवाएं चलीं। हालांकि, तूफान के तट से टकराने से पहले ही लाखों लोगों को हताहत होने से बचा लिया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि यह तूफान बंगाल की खाड़ी से उठा और सुबह 8 बजे ओडिशा के तट को निशाना बनाया। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि यह फेनी तूफान ओडिशा के तट से टकराने के बाद भारत के उत्तर पश्चिमी इलाकों की ओर बढ़ रहा है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड के इलाके इस तूफान से प्रभावित होंगे। इन इलाकों में तूफान की रफ्तार करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहेगी और यहां पर गरज चमक के साथ बौछार पड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को चक्रवात फेनी से खतरे वाले राज्यों के संपर्क में रहने के लिए कहा है।

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उखड़े पेड़ और बिजली के खंभे

भुवनेश्वर में तेज हवाओं से कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, अधिकारियों ने हवाई अड्डे को बंद रखने का आदेश दिया है। ओडिशा में स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं। राज्य में सैकड़ों आपदा प्रबंधन कर्मियों को तैनात किया गया है और डॉक्टरों व अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की छुट्टी 15 मई तक रद कर दी गई है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी एक हवाई अड्डे को बंद करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि तकनीकी प्रगति ने मौसम विज्ञानियों को मौसम के पैटर्न के बारे में पहले से ही अनुमान लगाने में मदद की है और अब अधिकारी जबरदस्त तूफानों से निपटने और हताहतों की संख्या को कम करने में बेहतर हो गए हैं। 1999 में एक जबरदस्त चक्रवात ने ओडिशा में खूब तबाही मचाई थी, जिसमें 10,000 लोग मारे गए।

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