देहात रूटों पर डग्गेमार बसों से मिली राहत

निगम से देहात रुटों पर नही मिल सकी सुविधा

Meerut। भाई दूज पर यात्रियों को सभी रूटों पर भरपूर बसें उपलब्ध कराने का रोडवेज का दावा और रोडवेज की योजनाएं भीड़ के आगे फेल हो गई। सुबह सवेरे बस अड्डों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर बाद तक यात्री बसों के इंतजार में रहे लेकिन कई रूट पर बसें देर से उपलब्ध होने के कारण यात्री परेशान रहे। वहीं देहात रूटों पर बसें उपलब्ध कराने में रोडवेज विफल रहा इसलिए डग्गेमारों की चांदी रही और जमकर मुनाफा कमाया।

सुबह-शाम रही आफत

भाई दूज के अवसर पर सुबह सवेरे से ही यात्रियों की भीड़ अपने अपने गंतव्य पर जाने के लिए बस डिपो पर पहुंचना शुरू हो गई, लेकिन यात्रियों की संख्या के एवरेज में बसों की उपलब्धता कम होने के कारण स्थिति बिगड़ गई। दोपहर बाद तक बसों की कमी के कारण यात्रियों की भीड़ डिपो में लगी रही दोहपर बाद अधिकतर डिपो से यात्रियों को रवाना कर दिया गया।

लोकल बसों की रही कमी

लंबी दूरी वाली बसों में लोकल सवारियों को बैठाया नही गया जिस कारण आसपास शहर देहात में जाने वालीे यात्रियों की दिनभर बस अडडों पर भीड़ लगी रही। वहीं लंबी दूरी के यात्रियों की कमी के कारण लखनऊ, देहरादून, आगरा, बरेली आदि की बसें खाली खड़ी रही।

देहात रूटों पर रही मारामारी

भैसाली डिपो और सोहराबगेट से सभी प्रमुख रूट समेत देहात रूट पर बसों की अतिरिक्त संख्या और फेरे बढ़ाने की रोडवेज की व्यवस्था काम नहीं कर सकी। अधिकतर देहात रुट पर महिलाओं को बसों की किल्लत से जूझना पड़ा। मेरठ से मवाना, गढ, किठौर, बुलंदशहर, स्याना, बागपत, बड़ौत, हस्तिनापुर आदि रूटों पर जाने वाली बसों के लिए दिनभर यात्री इंतजार में रहे, लेकिन बसें नही मिल सकी। ऐसे में देहात रूटों पर डग्गेमारी करने वाली बसों से यात्रियों को काफी राहत मिली। रोडवेज की व्यवस्था फेल होने के बाद यात्रियों ने डग्गेमार बसों का सहारा लिया।

जाम से बिगड़ी व्यवस्था

भाई दूज के चलते अधिकतर शहरों और मार्गो पर जाम की स्थिति बनी रही, जिस कारण से दिल्ली, गाजियाबाद, मुजफ्फनगर, बरेली, मुरादाबाद, बागपत आदि शहरों में जाने वाली बसें अपने पहले फेरे में ही जाम में फंस गई और तय समय से घंटों बाद तक भी वापस डिपो में नही पहुंच सकी। बसों की वापसी न होने के कारण दोपहर बाद तक डिपो में बसों की कमी हो गई, जिससे यात्रियों को घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ा।

व्यवस्थाएं काफी हद तक ठीक रही केवल पीक ऑवर में कुछ परेशानी रहती है उसको भी समय से मैनेज किया गया।

नीरज सक्सेना, आरएम रोडवेज

बसों की कमी तो हर बार रहती है, लेकिन कुछ रूटों पर बसें खाली खड़ी हैं और कुछ रूटों पर सवारी होने के बाद भी बसें नही हैं।

आशा राम

बसों की कमी नहीं है। बस तो काफी खड़ी हैं, लेकिन चालक-परिचालक नही हैं। इसलिए बसें चलाई नहीं जा रही हैं।

हरीश

रोडवेज बसों की व्यवस्था कभी सही नहीं रहती हैं। केवल कहने के लिए बसों की संख्या बढ़ाई जाती है, जबकि त्योहार पर पहले से भी कम बसें हो जाती हैं।

राज रानी