बीमारी से पत्नी के बाद मां-बाप की भी मौत से था आहत

<बीमारी से पत्नी के बाद मां-बाप की भी मौत से था आहत

BAREILLY BAREILLY:

कुदरत और किस्मत का कहर एक किसान के सिर पर इस कदर गिरा कि उसका खुशहाल भरा-पूरा परिवार ही तबाह हो गया। अन्नदाता को पहले कुदरत की मार के चलते फसल में न सिर्फ नुकसान उठाना पड़ा। बल्कि बीमारी के चलते पत्नी और फिर मां-बाप को खो दिया। गरीबी का दर्द सह रहा अन्नदाता पत्नी, पिता और फिर मां की मौत का तिहरा सदमा न झेल सका। आखिरकार संडे को अपने दो मासूम बच्चों को बेसहारा छोड़ कर खुदकुशी कर ली।

सिर पर लाखाें का कर्ज

भोजीपुरा के तुलसीपुर गांव निवासी नन्हें लाल (फ्0) तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। बीमारी से पत्नी की मौत के बाद वह दो बच्चों और मां-बाप के साथ रहता था। पांच महीने पहले पिता खेमकरन की तबीयत बिगड़ी तो कर्ज लेकर उनका इलाज कराया, लेकिन उनकी मौत हो गई। दो महीने पहले मां को कैंसर हो गया। मां के इलाज में भी कर्ज में लिए लाखों रुपए खर्च हो गए। अपनों की मौत से सदमे में आया किसान कर्ज के कारण पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन का भी शिकार हो गया था।

अनाथ हो गए मासूम

संडे शाम को किसान बच्चों के साथ घर में बैठा था। थोड़ी देर बाद वह उठकर अपने कमरे में चला गया और जहर खा लिया। कुछ देर बाद उसके चीखने चिल्लाने पर बच्चों ने चाचा दामोदर को बताया तो उसके जहर खाने की जानकारी हुई। छोटे भाई ने उसे गंभीर हालत में निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मां की मौत और दादा दादी का भी साया उठने के बाद मासूमों से पिता का इकलौता सहारा भी छिन गया।