-बैंक के कर्ज को लेकर अवसाद में थे गांव सैदपुर के किसान छोटे सिंह

-गन्ने का भी पेमेंट नहीं मिल रहा था, बैंक से मिल रहे थे नोटिस

BAREILLY: बहेड़ी में बैंक के कर्ज से परेशान किसान ने ट्यूजडे को आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि गन्ने का पेमेंट भी नहीं मिल पाया था और वह बैंक का कर्ज अदा नहीं कर पाने के चलते परेशान थे। इसी के चलते ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।

बैंक बना रहा था दबाव
गांव सैदपुर निवासी किसान छोटे सिंह पर बैंक का कर्ज बकाया था। आíथक स्थिति ठीक नहीं थी, गन्ने का पेमेंट भी नही मिलने से बैंक कर्ज का भुगतान नहीं कर पा रहे थे। उधर, कर्ज अदा करने के लिए उनपर बैंक का काफी दबाव बना रहा था। बैंक कर्जा अदा करने के लिए लगातार नोटिस भेज रहा था। बैंक कर्ज तथा लगातार खराब होती आíथक स्थिति से वह काफी तनाव में थे। दोपहर को वह गांव के पास रेलवे पटरियों के नजदीक उगी झाडि़यों में बैठ गए। 12 बजे जैसे ही बरेली से लालकुआं जाने वाली पैसेंजर ट्रेन आई तो वह इंजन के सामने कूद गए। इससे पहले कि आसपास के लोग उसकी मदद को दौड़ते, उनकी सांसें थम गई। हादसे के बाद ट्रेन रुकी तो शव को ट्रेन से अलग किया गया। ट्रेन के गार्ड ने बहेड़ी स्टेशन पर हादसे का मेमो देने पर पुलिस को सूचना दी।

भाई बैंक के कर्ज से परेशान थे। फसल अच्छी न होने व गन्ने का पेमेंट न आने से समस्याएं बढ़ गई थीं। इसलिए उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया।

यशपाल, मृतक के भाई

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आत्महत्या करना किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता। कोई समस्या थी तो अधिकारियों से मिलना चाहिए था। मेरे संज्ञान में मामला आया है। जांच कराकर परिवार की जो भी संभव सहायता दिलवाएंगे।

ममता मालवीय, एसडीएम बहेड़ी

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मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मैं आज बाहर था। अगर ऐसा हुआ है तो काफी दुखद है। स्वयं मामले को दिखवाऊंगा कि कहीं मृतक किसान का शोषण तो नहीं हुआ। जांच कराकर परिवार की मदद कराई जाएगी।

छत्रपाल सिंह गंगवार, क्षेत्रीय विधायक बहेड़ी

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किसान विरोधी सरकार में किसान परेशान व बेहाल हैं। न उसे फसल का मुनासिब दाम ही मिल रहा है और न गन्ने का पेमेंट समय पर मिल रहा है। भाजपा सरकारों की नीतियों से किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है। भाजपा का किसानों का कर्ज माफी महज एक दिखावा था।

अताउर्रहमान, सपा प्रवक्ता व पूर्व विधायक बहेड़ी