-किसान क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या में हो रहा इजाफा

-रु-पे डेबिट कार्ड किसानों को दे रहा आर्थिक मदद

DEHRADUN : देश के किसानों को समृद्ध बनाने के मकसद से स्टार्ट किए गए किसान क्रेडिट कार्ड योजना को और हाईटेक कर दिया गया है। जहां पहले यह किसान क्रेडिट कार्ड योजना सिर्फ नाम के लिए क्रेडिट कार्ड योजना थी, वहीं अब किसानों को इस योजना के तहत कार्ड भी दिए जा रहे है। ताकि किसान अपनी सहूलियत के हिसाब से कभी भी कहीं भी धनराशि प्राप्त कर सकें।

पहले अकाउंट अब कार्ड

किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंर्तगत पहले किसानों को केवल अकाउंट दिए जाते थे। जिसमें से किसान केवल विड्रॉ फॉर्म भरकर ही बैंक से धनराशि मिलती थी। इस प्रक्रिया के लिए किसानों को बैंक्स के वर्किंग डेज के ऊपर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब किसानों को सहूलियत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 'रु-पे डेबिट कार्ड' उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ताकि किसानों को नकद राशि प्राप्त करने के लिए बैंक्स पर निर्भर न रहना पड़े।

8फ्,भ्0म् रु-पे डेबिट कार्ड जारी

उत्तराखंड में फ्क् मार्च ख्0क्ब् तक कुल 8,म्9,क्7फ् किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। पिछले एक साल पर गौर करें तो मार्च ख्0क्ब् तक 770ख्9 किसानों को कार्ड जारी किए गए। स्टेट में किसान क्रेडिट कार्ड की बढ़ती मांग और किसानों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से रु-पे डेबिट कार्ड स्टार्ट किया है। अभी तक लगभग 8फ्,भ्0म् किसानों को रु-पे डेबिट कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं। ताकि वह अपनी सुविधानुसार कभी भी कहीं से भी पैसे एटीएम के जरिए विड्रॉ कर सकें। सभी बैंक्स बाकी किसानों को भी स्मार्ट कार्ड के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं।

बैंक्स के लिए भी फायदा

नेशनल पेमेंट कॉर्पाेरेशन ऑफ इंडिया ने हाल ही में 'रु-पे' पेमेंट गेटवे स्टार्ट किया। यह गेटवे बाकी वीजा, मास्टर, मैस्ट्रो आदि की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है। दरअसल यह सभी गेटवे विदेशी हैं, हर ट्रांजेक्शन के लिए यह गेटवे चार्ज करते हैं। जिसके लिए या तो बैंक पे करता है या फिर ग्राहक को इसके लिए पेय करना पड़ता है। रु-पे गेटवे सेवा इंडियन होने से बैंक्स को भी चार्ज कम पड़ता है, जिससे किसानों के साथ ही बैंक्स को भी आर्थिक रूप से काफी फायदा है।

किसान क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य

ख्0क्फ्-क्ब् में - क्,00,000

सालभर में जारी किसान क्रेडिट कार्ड- 77,0ख्9

अभी तक जारी किए गए कार्ड की संख्या - 8म्,9क्7फ्

मार्च तक वितरित की गई राशि- भ्म्9क्.भ्क् कराेड़ रुपए

'पहले केवल नाम के लिए यह क्रेडिट कार्ड सेवा थी। किसानों को बैंक के टाइमिंग के भरोसे ही रहना पड़ता था, लेकिन अब रु-पे डेबिट कार्ड की मदद से किसान चौबीसों घंटों में से कभी भी पैसे प्राप्त कर सकता है। यह सेवा बैंक्स के लिए भी काफी फायदेमंद हैं। हमारी कोशिश है कि कार्ड धारकों की संख्या को ज्यादा से ज्यादा से बढ़ाई जाए।

-भागवत सिंह, एजीएम, स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी