-अपेक्षित आवेदन नहीं आने पर विभाग ने बढ़ाई 30 तक तिथि

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क्कन्ञ्जहृन्: बिहार में सम्मान लेने के लिए भी किसान आगे नहीं आ रहे हैं। खेती में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसानों को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार ने 10 वर्ष बाद किसान सम्मान योजना की शुरुआत की थी। इसी खरीफ फसल से प्रदेश के 2865 सर्वश्रेष्ठ किसानों को सम्मानित किया जाना है। धान के लिए 20 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए थे, जिनमें से प्रखंड से प्रदेश स्तर तक श्रेष्ठ किसानों का चयन होना था। किंतु अंतिम तिथि तक महज 1943 आवेदन ही मिल सके हैं। लिहाजा कृषि विभाग को तिथि बढ़ाकर 30 अक्टूबर करना पड़ा है। किसानों की उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 16 जिलों से 10-10 आवेदन भी नहीं मिले हैं। आठ जिलों में यह संख्या तो पांच से आगे नहीं बढ़ पाई है। अब सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को टास्क दे दिया गया है कि वे किसानों को सम्मान के लिए प्रेरित करें। अधिकारियों का मानना है कि आवेदनों की संख्या बढ़ जाएगी।

किसे कितनी मिलेगी राशि

सभी प्रखंडों के पांच-पांच किसानों को 10-10 हजार रुपए मिलेंगे। जिला स्तर पर 190 श्रेष्ठ किसानों को 25-25 हजार रुपए एवं राज्य स्तर पर पांच किसानों को 50-50 हजार रुपए मिलेंगे। धान उत्पादकों को प्रति हेक्टेयर कम से कम 60 क्विंटल, मक्का के लिए 80 क्विंटल, गेहूं के लिए 40 क्विंटल, आलू के लिए 250 क्विंटल उत्पादन जरूरी होगा। दूध के लिए 20 लीटर प्रतिदिन प्रति गाय वाले किसान ही आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन लेने से किसानों ने कम रुचि ली है। दरअसल, किसान समझ नहीं पा रहे हैं। शुरू में विभाग को भी अंदाजा नहीं था कि आवेदन कम आएंगे। आखिरी हफ्ते तक समझ में आया तो कोशिश की जाने लगी। सभी कृषि पदाधिकारियों को सक्रिय कर दिया गया है।

-जीतेंद्र प्रसाद, निदेशक बामेती