- किसानों की चेतावनी, नहीं लगने देंगे आरएसएस का कैंप

- प्रशासन ने दिया 19 तक फसल काटने का आदेश

मेरठ। जागृति विहार एक्सटेंशन में 25 फरवरी को आयोजित होने जा रहे आरएसएस कैंप को लेकर एक्सटेंशन के किसानों और आवास विकास के बीच विवाद गहमाता जा रहा है। किसानों का कहना है कि मुआवजा मिले बिना वह अपनी जमीन पर शिविर नहीं लगने देंगे। वहीं प्रशासन ने भी अपना रुख साफ कर दिया गया है कि किसानों को एक बार मुआवजा मिल चुका है।

नहीं हुआ पूरा भुगतान

दरअसल काजीपुर और सरायकाजी के किसानों का कहना है कि आवास विकास ने एक्सटेंशन के लिए वर्ष 2008-09 में जमीन का अधिग्रहण किया था। उस समय एक हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के सर्किल रेट के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया गया था, लेकिन तीन साल बाद ही कमलापुर और घोसीपुर के किसानों की जमीन को अधिगृहण के लिए बढ़े हुए सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया गया।

ये हैं किसानों की मांगें

- काजीपुर और सरायकाजी को 2012 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाए।

- एग्रीमेंट के आधार पर कमलापुर, घोसीपुर, सरायकाजी और काजीपुर के किसानों को एक समान ही मुआवजा मिले।

- 2012 के सर्किल रेट के हिसाब से पिछले भुगतान का 66 प्रतिशत यानि करीब 660 रुपए प्रति वर्ग मीटर का भुगतान किसानों को किया जाए।

2008-09 के जमीन के सर्किल रेट

काजीपुर - 1000 रुपए प्रति वर्ग मीटर

सराज काजी- 800 रुपए प्रति वर्ग मीटर

घोसीपुर - 600 रुपए प्रति वर्ग मीटर

कमलापुर- 400 रुपए प्रति वर्ग मीटर

किसानों की मांग केवल अधिकृत जमीन का एक समान मुआवजा देने की है। जब एक्सटेंशन में एक समान मुआवजे एग्रीमेंट पर समझौता किया गया था।

- रोहित गुर्जर

एक्सटेंशन में सबसे अधिक काजीपुर और सरायकाजी के किसानों की जमीन का अधिगृहण किया गया है। जबकि घोसीपुर और कमलापुर का सर्किल रेट काफी कम होने के बाद भी उन्हें 2012 के सर्किल रेट के हिसाब से बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया।

- युगांश राणा

किसानों को तत्कालीन सर्किल रेट के हिसाब से एक बार मुआवजा मिल चुका है। जमीन के दाम उसके बाद यदि बढ़ गए तो दोबारा मुआवजे की मांग गलत है। जमीन आवास विकास की है उसे आवास विकास अपने हिसाब से प्रयोग करेगा।

- देवेंद्र सिंह, एई, आवास विकास