- लाठी, डंडा लेकर पहुंच गए किसान, रोक दिया काम

- पिपराइच क्षेत्र के मेदनीपार में किसानों ने किया प्रदर्शन

- इसके पहले शॉर्ट सर्किट से आग लगने पर उखाड़ दिए थे पोल, तार

KUSAMHI BAZAR: खोराबार थाना क्षेत्र के तकिया गांव के किसानों ने मंगलवार को पिपराइच क्षेत्र के मेदनीपार में पहुंचकर जमकर बवाल काटा। खेत से होकर 11000 वोल्ट का तार ले जाने पर किसानों ने मजदूरों को घेर लिया। लाठी, डंडा लेकर पहुंचे किसानों ने काम रोक दिया। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। विभाग के अधिकारियों को काम रोकना पड़ा। उन्होंने आश्वासन दिया कि डीएम के आदेश के बाद भी अब काम होगा। इसके बाद किसान माने। इन्हीं किसानों ने अप्रैल में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद पोल, तार क्षतिग्रस्त कर दिया था। तभी से आपूर्ति बाधित है।

टायर फैक्ट्री को देनी है बिजली

तकिया गांव के किसानों की जमीन पिपराइच थाना क्षेत्र के मेदनीपुर सिवान में है। पास में टायर फैक्ट्री है। फैक्ट्री तक बिजली ले जानी है। विभाग के कर्मचारी वहां तक 11000 वोल्ट का तार ले जाने के लिए मंगलवार को दोपहर में किसानों के खेत में पोल गाड़ रहे थे। इसके लिए किसानों से किसी ने पूछा तक नहीं। खेत में पोल गाड़ने और उससे होकर हाई वोल्टेज तार ले जाने की सूचना मिलते ही तकिया गांव के किसान मेदनीपार पहुंच गए। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं।

रोक दिया काम

किसान हाथ में लाठी, डंडा लिए पहुंचे और काम कर रहे मजदूरों को घेर लिया। माहौल देखते हुए काम रोक दिया गया। सूचना बिजली विभाग ने पिपराइच थाने को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने काम बंद करा दिया। इसके बाद किसान शांत हुए। पुलिस ने विभाग के अधिकारियों से वर्किंग ऑर्डर के कागजात दिखाने के लिए कहा तो वे नहीं दे पाए। पुलिस ने किसानों को आश्वस्त किया कि डीएम के आदेश के बिना काम नहीं होने दिया जाएगा। इस पर किसान शांत हो गए और गांव लौट गए।

उखाड़ दिए थे खम्भे

बीते 3-4 अप्रैल को इन्हीं किसानों के खेत में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। लाखों की फसल जलकर खाक हो गई थी। तब गुस्साए किसानों ने बिजली के खम्भे उखाड़ डाले थे और तारों को काट दिया था। किसान शॉर्ट सर्किट से फसलों को बचाने के लिए खेत से तार ले जाने पर रोक लगा रहे हैं। किसानों की मांग है कि पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि खेत की फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा और यदि नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई बिजली विभाग करेगा। तभी खेत से होकर हाईवोल्टेज तार जाने दिया जाएगा।

प्रतिदिन 30,000 रुपए के हिसाब से अब तक 480,000 रुपए का घाटा हो चुका है। जिस स्थान पर पोल थे, हर हाल में वहीं लगाए जाएंगे।

- महेन्द्र नाथ मिश्र, एसडीओ