नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को  श्री अमरनाथ यात्रा और वादी में कश्मीरी पंडितों के लिए कालोनी के मुददे पर अलगाववादियों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा पंडितों की वापसी की प्रक्रिया को कश्मीर में रहने वाले सिख, मुस्लिम और पंडित ही मिलकर तय करें तो ज्यादा बेहतर है. श्री अमरनाथ की यात्रा कम से कम दो माह होनी चाहिए, इसका विरोध  कश्मीरियों के आर्थिक हितों पर चोट है.

 

अपनी बिमारी के चलते गत नवंबर से रियासत की सियासत से पूरी तरह दूर रहे डा. फारूक अब्दुल्ला गत माह ही लंदन से वापस श्रीनगर आए हैं. अपनी वापसी के बाद वह धीरे-धीरे अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ा रहें हैं और लंदन से वापसी के बाद आज पहली बार वह जम्मू में नेकां कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे थे. जम्मू में नेकां मुख्यालय शेरे कश्मीर भवन में पार्टी कार्यकत्र्ताओं के सम्मेलन के बाद पत्रकारों के साथ  बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा कम से कम दो माह तक तो जारी रहनी ही चाहिए. यह यात्रा बेशक एक धार्मिक यात्रा है, लेकिन यह कश्मीर में हजारों लोगों की कमाई और आजीविका का भी साधन है.

उन्होंने कहा कि  इस यात्रा के लिए लाखों लोग आते हैं, अगर समय कम होगा तो बहुत ही कम लोग दर्शन कर पाएंगे. अगर कम लोग आएंगे और यात्रा का समय कम होगा, तो रियासत के उन हजारों लोगों को आर्थिक नुकसान सहना होगा, जो अपनी कमाई और आजीविका के लिए इस यात्रा पर ही निर्भर करते हैं. डा अब्दुल्ला ने कहा कि जहां तक मेरी राय है यह कम से कम दो माह तक बिना किसी रुकावट के चलनी चाहिए. पंडितों की कश्मीर वापसी और पुनर्वास को लेकर कालोनी की स्थापना पर पैदा विवाद को अनावश्यक करार देते हुए डा. अब्दुल्ला ने कहा कि इस मुददे का सियासी फायदा लेने के बजाय सभी पक्षों को विश्वास में लेकर चलना चाहिए ताकि किसी के दिमाग में किसी के भी प्रति कोई संशय या दुराग्रह पैदा न हो.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों, मुस्लिमों, सिखों व अन्य समुदायों को मिलकर इस मामले का एक सर्वमान्य हल निकालना होगा. प्रधानमंत्री के चीन दौरे संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि चीन की अपनी नीतियां हैं, हम उसके साथ बेहतर संबंध बनाने का ही प्रयास कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे की सफलता के बारे में सिर्फ खुदा और चीन ही बता सकता है. मुझे पूरी उम्मीद है कि अपने चीन दौरे में प्रधानमंत्री हमारी रियासत के लोगों को  नत्थी वीजा दिए जाने का मुददा जरुर उठाएंगे और इससे संबंधित विवाद को हल करेंगे.

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk