-स्वास्थ्य सुविधाएं तमाम फिर भी बीमारों की है लंबी कतार

-प्राइवेट डॉक्टर्स, लैब और मेडिकल स्टोर्स पर हर जगह मची है लूट

-सरकारी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की है कमी

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से हर साल सरकार देशवासियों को तमाम तरह की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का बखान करती है। लेकिन हकीकत में आज भी स्वास्थ सेवाएं लोगों के लिए सुलभ नहीं है। लोगों में बीमारियां पहले से ज्यादा घेर रही हैं, जिसका फायदा प्राइवेट हॉस्पिटल, डायग्नोस्टिक सेंटर और केमिस्ट स्टोर्स जमकर उठा रहे हैं। अभी भी लोगों का भरोसा सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर नहीं बन पा रहा है। क्योंकि वहां वे सुविधाएं नहीं मिल रही है जिनकी उन्हें जरुरत है। आखिर इस बीमारी से भी आजादी चाहिए।

समस्याओं की भरमार

बनारस में ज्यादातर सरकारी हॉस्पिटल बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। ऐसा कोई भी अस्पताल नहीं है जहां मरीजों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। हॉस्पिटल में मरीजों को न तो पूरा इलाज मिलता है और न प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी कोई सुविधा। गंदगी ऐसी कि अच्छा खासा इंसान भी बीमार पड़ जाए। इन सब समस्याओं को दूर करने से पहले सरकार इन्हें ई-हॉस्पिटल में बदलने में लगी है।

भीड़ अपार, डॉक्टर्स की दरकार

अगर आप किसी रोग से पीडि़त हैं और मंडलीय हॉस्पिटल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो हो सकता है आपको डॉक्टर्स ही न मिलें। क्योंकि यहां कई रोगों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स ही नहीं हैं। हालत ये है कि डॉक्टर्स के नहीं रहने पर मरीज बिना इलाज के लौट जाते हैं। यही हाल अन्य विभागों का भी है। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के न होने से मारपीट, सड़क हादसे समेत अन्य मेडिकोलीगल केसेज को अन्य जगह रेफर करना पड़ता है। स्थायी एनेस्थीसिया विशेषज्ञ न होने से ऑपरेशन में दिक्कत आती है। जबकि न्यूरो से जुड़े रोगियों का उपचार भगवान भरोसे ही है।

मरीज हो जाते हैं वापस

मंडलीय हॉस्पिटल में सिर्फ एक ईएनटी सर्जन हैं। यहां लंबे समय से ईएनटी सर्जन की कुर्सी खाली पड़ी है। कई बार ईएनटी सर्जन की ड्यूटी वीवीआईपी व अन्य कार्यो में लगने से मरीजों को बैरंग वापस लौटना पड़ता है।

एक नजर

-जिले में 500 से ज्यादा चिकित्सकों की है जरुरत

-250 के करीब है डॉक्टर जिले में

-45 पद हैं डॉक्टर्स के डीडीयू हॉस्पिटल में

-40 से कम डॉक्टर हैं तैनात अभी

- 48 पद हैं डॉक्टर्स के मंडलीय अस्पताल में

- 42 डॉक्टर इस समय हैं तैनात

- 2000 से 2500 ओपीडी है डेली मंडलीय हॉस्पिटल में

- 15 से 20 ऑपरेशन होते हैं रोजाना

मंडलीय हॉस्पिटल की स्थिति

पद स्वीकृत खाली

एनेस्थीसिस्ट 03 03

रेडियोलॉजिस्ट 01 01

न्यूरो सर्जन 01 01

न्यूरो फिजीशियन 01 01

प्लास्टिक सर्जन 01 01

ईएनटी सर्जन 02 01

सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को लेकर कई बार शासन को पत्र लिखा जा चुका है। ई-हॉस्पिटल से पहले डॉक्टर्स की व्यवस्था हो जाए तो मरीजों का काफी दर्द दूर हो जाए।

डॉ। बीएन श्रीवास्तव, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल