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उन्हें संवासिनी मत कहिए प्लीज!

इंट्रो

इसमें कोई शक नहीं कि उनकी जिंदगी का दर्द किसी पत्थर दिल को भी रुला देगा लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं कि उनके सपनों की उड़ान किसी को भी जीने का जज्बा दे जाएगा। फिलहाल वो जिस गृह में संरक्षण पा रही हैं वहां उन्हें संवासिनी कहा जाता है लेकिन उनका हुनर देख शायद आप भी हमारी तरह कह उठें, उन्हें संवासिनी या बेचारी मत कहिए प्लीज कौन है वो ? आखिर ऐसा क्या कर रही हैं वो? चलिए हम अंदर बताते हैं

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बावरा मन देखने चला एक सपना

क्रॉसर्स

नारी संरक्षण गृह में रहने वाली संवासिनियों के बनाये स्पेशल गाउन पहनकर रैंप पर इठलायेंगी कई टॉप मॉडल्स

- देशभर में ऑर्गनाइज होने वाले फैशन शोज के लिए चहारदीवारी में तैयार कर रहीं हैं गाउन

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ: शालू (बदला हुआ नाम) महज दो साल की थी जब उसके मम्मी पापा ने बेटी होने के कारण ट्रेन की एक बोगी में उसे सोता हुआ छोड़ दिया था। लेकिन अब वह बड़ी हो चुकी है। उसकी आंखों में भी कई सपने हैं। अपने सगे तो उसके जेहन में अब भी हैं लेकिन आंखों से बहते आंसू उन अपनों को भूलने की कोशिश हर पल करते हैं जिन्होंने उसे दुनिया की इस भीड़ में अकेला छोड़ दिया लेकिन अब उसके बावरे मन ने एक सपना देखा है। सपना अपनी पहचान बनाने का, सपना भीड़ में खुद को सबसे अलग दिखाने का, सपना अपनों को ये बताने का कि बेटी बोझ नहीं बल्कि वो शान है जिसके होने के बाद मां बाप का सिर झुकता नहीं बल्कि गर्व से ऊपर उठता है। ये कहानी उस शालू की है जो इन दिनों जैतपुरा के राजकीय पाश्चात्यवर्ती महिला देखरेख संगठन में देशभर में होने वाले फैशन शोज के लिए रैंप पर उतरने वाली मॉडल्स के वास्ते स्पेशल गाउन तैयार कर रही हैं। संरक्षण गृह में तैयार होने वाले इन गाउंस को देश की टॉप मॉडल्स हुमा कुरैशी, युक्ता मुखी और मिसेस इंडिया अर्चना प्रसाद पहनकर रैंप पर कैटवॉक करेंगी। जिसके बाद शालू का वह सपना पूरा होगा जो उसने इस चहारदीवारी में बुना था।

हुनर तो था लेकिन

चहारदीवारी में सिमट चुकी इन लड़कियों और महिलाओं की जिंदगी को अब जीने की एक नई चाह मिली है। उनके हाथों में हुनर तो बहुत है लेकिन इस हुनर को अब तक देखने वाला कोई नहीं था लेकिन अब इनके इस हुनर का कमाल पूरी दुनिया देखेगी। दरअसल नारी संरक्षण गृह में रह रहीं महिलाएं और युवतियां आजकल फैशन शो के लिए रैंप पर उतरने वाली मॉडल्स के लिए स्पेशल कपड़े डिजाइन करने में व्यस्त हैं। फिल्म स्टार युक्ता मुखी या हुमा कुरैशी भी इनके डिजाइन किए हुए कपड़े पहनकर रैंप पर उतरेंगी। बीते कई सालों से यहां कैद इन महिलाओं के जीवन में नया उत्साह जगाने और इनको आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा ये प्रयास कुछ सामाजिक संस्थाओं और यहां की अधीक्षिका के चलते पूरा होने को है।

की गई है काफी मेहनत

इस प्रयास को करने अंजाम तक पहुंचाने वाली पुष्पांजलि शर्मा, अधीक्षिका उर्मिला राय और अन्य कई लोग हैं। उनका कहना है कि सबसे बड़ी चुनौती थी इन महिलाओं और युवतियों को मोटीवेट करना। क्योंकि लंबे वक्त से काल कोठरी में कैद इन लड़कियों और महिलाएं होपलेस हो चुकी थीं। इसलिए तीन महीनों में आठ लोगों की टीम ने काउंसिलिंग के बाद टोटल 10 लड़कियों को इस काम के लिए चुना। इसके बाद फैशन डिजाइनर को लगाया गया इन लड़कियों को मॉडल के लिए ड्रेस बनाने की ट्रेनिंग देने के लिए। महज कुछ ही दिन की ट्रेनिंग के बाद दसों लड़कियों ने इतनी तेजी से चीजों को ग्रास्प किया कि इन्होंने एक महीने के अंदर ही दस मॉडल्स के लिए जरी, नेट और स्टोन लगे खूबसूरत गाउंस तैयार कर दिए।

मिसेस इंडिया करेंगी कैटवॉक

महिला संरक्षण गृह के अंदर आजकल एक जोश है। सुबह जल्दी उठकर इस काम में लगी लड़कियां अपने तैयार गाउंस को फाइनल टच देने में जुटी हैं। क्योंकि इस गाउन को कई सेलीब्रीटीज को पहनना है। इनको ट्रेंड कर रही डिजाइजर बताती हैं कि ये लड़कियां काफी उत्साहित हैं। इसकी वजह है इनकी जिंदगी में आने वाला संभावित बदलाव।

मेहनत का मिलेगा फल भी

नारी संरक्षण गृह में बंद इन लड़कियों की जिंदगी को बदलने के लिए किया गया ये प्रयास आगे भी जारी रहेगा। इसके लिए इनके बनाये गए कपड़ों को सेल भी किया जायेगा। जल्द ही ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए बाजार में इनके बनाये कपड़ों को उतारा जायेगा ताकि इन्हें काम का सही मूल्य मिले और वे अपनी जरुरतों को पूरा कर सकें। इनकी ओर से बनाई गई चीजों को एक अलग ब्रांड के नाम से मार्केट में लॉच करने की भी प्लैनिंग है।

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इस नये प्रयास से यहां रहने वाली लड़कियों को एक नया जीवन मिला है। अब ये लड़कियां कुछ कर गुजरने का जज्बा लेकर जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं। जो एक अच्छी बात है।

उर्मिला राय, अधीक्षिका, राजकीय पाश्चात्यवर्ती महिला देखरेख संगठन

चहादीवारी में कैद इन लड़कियों ने सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं। इस प्रयास के बाद इनके अंदर गजब का कॉन्फिडेंस डेवलप हुआ है और ये समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए अब तैयार हैं।

पुष्पांजलि शर्मा, योग एक्सपर्ट

इन लड़कियों के साथ काम करना एक अलग एक्सपीरियेंस रहा। इनको सिखाने में बहुत ज्यादा मेहनत नहीं लगी। जो बताया फट से सीखा और हुबहू उसे उतार दिया। सच में इनकी मेहनत लगन देखकर दिल खुश हो गया है।

रुपाली गुप्ता, फैशन डिजाइनर