- बाल सुधार गृह में बंद हैं करीब 162 बाल अपचारी

- कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में रख दिया कदम

GORAKHPUR: अब कम उम्र के युवाओं में भी अपराध का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। जिले के बाल सुधार गृह में बढ़ती आ रही बाल अपचारियों की तादाद इसकी तसदीक कर रही है। वर्तमान में जिला जेल में जहां गोरखपुर के 300 कैदी हैं। वहीं, बाल सुधार गृह में जिले के 162 बाल अपचारी निरुद्ध हैं। ऐसे में कहा जा सकता है गोरखपुर के अपराध जगत में मौजूदा समय में करीब 55 फीसद नाबालिग ही हैं। हालांकि यह तो सिर्फ वह आंकड़े हैं जो पुलिस की गिरफ्त में आकर जेल काट रहे हैं। तमाम मामलों में नाबालिग अपराधी अभी पुलिस की पकड़ से बेहद दूर हैं।

क्राइम रिकॉर्ड की कमी रखती पकड़ से दूर

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इन दिनों कम उम्र के युवा अपराध के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन इन नाबालिगों का पुराना कोई क्रीमिनल रिकॉर्ड नहीं होने की वजह से यह पुलिस की पकड़ से बेहद दूर रहते हैं। हालांकि कई मामलों में इनकी गिरफ्तारियां भी हो जाती हैं। जानकारों का यह भी मानना है कि यह लगातार आपराधिक गतिविधियों में शामिल तो होते हैं, लेकिन इनका कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं होने से इन पर पुलिस का शक नहीं जाता।

14 से कम उम्र के हैं 40 अपचारी

इस समय मंडलीय कारागार में करीब 1800 बंदी हैं। इनमें से करीब 300 ऐसे बंदी हैं जो गोरखपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। वहीं, जिले के बाल सुधार गृह में इस वक्त 162 बाल अपचारी हैं। इन सभी की उम्र 18 वर्ष से कम है। इनमें करीब 40 ऐसे अपचारी भी हैं, जिनकी उम्र 14 वर्ष से भी कम है। बाल सुधार गृह के कर्मचारियों के मुताबिक इनमें से अधिकांश पर रेप और चोरी जैसी वारदातों में शामिल होने का आरोप है। हालांकि इन अपचारियों को लेकर विशेष सुरक्षा भी बरती जाती है। वहीं, काउंसलिंग के जरिए इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है। बावजूद इसके जिले के बाल सुधार गृह में अपचारियों की संख्या दिन ब दिन कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है।

वर्जन

बाल सुधार गृह में इस वक्त 162 बाल अपचारी हैं। इनमें से करीब 40 की उम्र 14 वर्ष से कम है। सुरक्षा की दृष्टि से व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वहीं, मनोरंजन व अन्य कार्यक्रमों के जरिए इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है।

- केएन, मिश्रा, अधीक्षक, बाल सुधार गृह