-कई बड़े लंबित मामलों में दोषियों पर जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर सका यूपी बोर्ड

-बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन की ओएमआर शीट लीक करने पर जांच के बाद भी अटकी है दोषियों पर कार्रवाई

ALLAHABAD: बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान ओएमआर शीट लीक करने का मामला बीते दिनों सामने आया। यहां पर बोर्ड के अधिकारियों के सामने सुनवाई हुई और दोषियों की पहचान हुई। उसके बाद कार्रवाई की फाइल अभी तक लंबित पड़ी है।

जल्द कार्रवाई की होती है बात

बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान प्राप्तांक के गोपनीय दस्तावेज ओएमआर शीट लीक कर दी गई। ओएमआर की फोटो वॉट्सअप पर वायरल होने के बाद बोर्ड में हड़कंप मच गया। बोर्ड की सचिव ने अधिकारियों की एक टीम बनाकर जांच शुरू कराई। जांच के दौरान मूल्यांकन कार्य में शामिल कुछ टीचर्स का नाम सामने आया। इसके बाद उन टीचर्स को बुलाकर बोर्ड की कमेटी के सामने पेशी हुई। जहां सुनवाई के बाद दोष भी तय किया गया। उसके बाद से कार्रवाई की फाइल अटकी हुई है। इस बारे में बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही इन सबपर कार्रवाई की जाएगी।

टीआर से छेड़छाड़ पर भी नहीं हुई कार्रवाई

वर्ष 2014 राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के दौरान करीब आधा दर्जन अभ्यर्थियों ने बोर्ड के कुछ कर्मचारियों की मदद से गोपनीय दस्तावेज टीआर में छेड़छाड़ करते हुए अपने नंबर बदल दिए गए। इसके बाद बदले दस्तावेजों के जरिए उनका सेलेक्शन भी एकेडमिक मेरीट के आधार पर हो गया। फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरी हासिल करने वाले इन अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट्स जब जांच के लिए बोर्ड में पहुंचे तो उसमें अंतर मिला। इसके बाद जांच शुरू हुई। जांच के दौरान सभी आरोपी अभ्यर्थी नौकरी छोड़कर गायब हो गए। इसके बाद तत्कालीन जेडी की तरफ से उन सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई थी। फिर विभागीय जांच के लिए बोर्ड की तत्कालीन सचिव शैल यादव ने कमेटी बनायी। इसमें बोर्ड के क्षेत्रीय सचिव, जेडी, समेत अन्य अधिकारी थे। जांच के बाद अधिकारियों ने रिपोर्ट बोर्ड के सचिव को सौंप दी। उसके बाद भी कोई कार्रवाई आज तक नहीं हो सकी।

वर्जन

मूल्यांकन की ओएमआर शीट लीक करने के मामले में जांच रिपोर्ट डायरेक्टर को भेजी जानी है। उसके बाद शीघ्र ही उसमें दोषियों पर कार्रवाई होगी।

-नीना श्रीवास्तव

सचिव, यूपी बोर्ड